छत्तीसगढ़ के तीन नाम मंत्री पद के लिए आगे ,किसके नाम पर लगेगी मुहर संतोष पांडे, बृजमोहन अग्रवाल और विजय बघेल का नाम आगे
छत्तीसगढ़ के तीन नाम मंत्री पद के लिए आगे ,किसके नाम पर लगेगी मुहर
संतोष पांडे, बृजमोहन अग्रवाल और विजय बघेल का नाम आगे
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लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद केंद्र की नई सरकार के गठन की तैयारी जोरों से शुरू हो गई है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी सियासी हलचल भी तेज हो गई है। भाजपा ने जहा छत्तीसगढ़ में 11 में से 10 सीटें जीता हैं। वही अब चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में इन 3 चेहरे में मंत्री बनने की रेस में शामिल हैं। इन नामों में संतोष पांडे ,बृजमोहन अग्रवाल, विजय बघेल का नाम आगे है।
रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल ने सबसे बड़ी जीत दर्ज कराई है। वहीं दुर्ग से विजय बघेल दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। जबकि राजनांदगांव से संतोष पांडेय ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को हरा कर दूसरी बार दिल्ली पहुंच चुके हैं। अब सवाल उठता है कि क्या इन्हें केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलेगी या फिर संगठन की जिम्मेदारी दी जाएगी।
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन के भी चुनाव होंगे और नई कार्यकारिणी बनेगी। ऐसे में छत्तीसगढ़ के नेताओं और सांसदों को भी इसमें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। केंद्र में इनकी अहम भूमिका होगी ।
संतोष पांडे ने पूर्व सीएम को दी मात
छत्तीसगढ़ की सबसे हॉट सीट राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संतोष पांडेय ने शिकस्त दी है। साल 2014 में राजनांदगांव के सांसद रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह थे, लेकिन 2019 में अभिषेक की टिकट काटकर संतोष पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया और जीतकर वे पहली बार सांसद बने। इस चुनाव में वे दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। पांडेय बचपन से ही आरएसएस से जुड़े हुए हैं। उनके राजनीतिक करियर की बात की जाए तो दो बार राजनांदगांव जिले से युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके है।
किन किन पदो पर रह चुके हैं संतोष पांडे
संगठन में दो बार प्रदेश मंत्री रहने के साथ ही प्रदेश महामंत्री भी रहे। कृषि उपज मंडी और खेल एवं युवा आयोग के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने साल 2003 में वीरेंद्र नगर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का समाना करना पड़ा। मोदी सरकार में छत्तीसगढ़ कोटे से केवल 1 मंत्री साल 2014 में पहली बार देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ से केवल एक ही सांसद को मौका मिला। उन्हें भी सीधे मंत्री बनाने के बजाए केंद्रीय राज्यमंत्री का ही दर्जा दिया गया। इनमें सीएम विष्णुदेव साय और रेणुका सिंह शामिल हैं।
अब देखना यह है की इन तीन नामो में किसके नाम पर मुहर लग सकता है ।