पीएम आवास योजना में खुला भ्रष्टाचार का खेल, कोठार में 10 साल पुराने मकान पर निकली दो किश्तें, ग्रामीणों ने मांगी जांच

पीएम आवास योजना में खुला भ्रष्टाचार का खेल, कोठार में 10 साल पुराने मकान पर निकली दो किश्तें, ग्रामीणों ने मांगी जांच
कवर्धा खबर योद्धा।। प्रधानमंत्री आवास योजना, जिसे ग्रामीणों को पक्की छत देने के उद्देश्य से लागू किया गया था, वह अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है। जनपद पंचायत कवर्धा के अंतर्गत ग्राम कोठार में इस योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता और मिलीभगत का मामला उजागर हुआ है। ग्रामीणों ने उपमुख्यमंत्री को लिखित शिकायत भेजकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई और राशि वसूली की मांग की है।
शिकायत के अनुसार, ग्राम कोठार निवासी सावित्री पति बालाराम के नाम से आवास स्वीकृत हुआ था, लेकिन हितग्राही ने नया मकान न बनाते हुए पुराने 10 वर्ष पुराने मकान को प्लास्टर और रंगरोगन कर उसे नया दिखाया और दो बार किश्तें निकाल लीं। यह पूरा खेल सरपंच और आवास मित्र की मिलीभगत से अंजाम दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि पुराना मकान जियोटेक कर रिपोर्ट भेजी गई और उसे नया मकान बताकर शासन की राशि का दुरुपयोग किया गया।
जब ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताई और आवास मित्र कमलेश धुर्वे से जानकारी मांगी, तो उसने स्वीकार किया कि यह सब सरपंच के कहने पर किया गया है। इससे मामले की गंभीरता और मिलीभगत की पुष्टि होती है।
इतना ही नहीं, दूसरा मामला भी सामने आया है जिसमें हितग्राही दिलीप चन्द्रवंशी कोठार में आवास निर्माण की जगह पास के गांव घुघरीकला में निर्माण करवा रहा है। यह सीधे तौर पर योजना के नियमों और उद्देश्यों का उल्लंघन है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला सिर्फ दो हितग्राहियों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्राम पंचायत में पीएम आवास योजना के नाम पर एक संगठित भ्रष्टाचार चक्र सक्रिय है। शिकायत में मांग की गई है कि दोषियों से न सिर्फ राशि की वसूली की जाए, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।
इस पूरे मामले की प्रतिलिपि जिला कलेक्टर, जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अधिकारियों को भी भेजी गई है। ग्रामीणों को अब शासन स्तर से सख्त कार्रवाई की उम्मीद है, ताकि योजना की मूल भावना को फिर से जीवित किया जा सके।