पानी के लिए पैसे को पानी की तरह बहाया जा रहा है जल संरक्षण और संवर्धन के लिए नगर निगम हुआ गंभीर ? पॉन्ड्समेन और NGO का लाभ नगरवासियों को कितना मिलेगा ?
पानी के लिए पैसे को पानी की तरह बहाया जा रहा है
जल संरक्षण और संवर्धन के लिए नगर निगम हुआ गंभीर ?
पॉन्ड्समेन और NGO का लाभ नगरवासियों को कितना मिलेगा ?
रायपुर खबर योद्धा विद्या भूषण दुबे।। नगर निगम को एक बार फिर केंद्र सरकार से तालाबों के संरक्षण और संवर्धन के लिए 200 करोड़ का बजट मिलने जा रहा है। दूसरी तरफ राजधानी के 30 से अधिक तालाबों के सौंदरीकरण और उसे बचाने के लिए नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी पिछले कुछ वर्षों में 100 करोड रुपए से ज्यादा खर्च कर चुकी हैं । बावजूद इसके राजा तालाब के चारों तरफ जलकुंभी ऐसे दिखाई देती है जैसे कोई हरा भरा घास का खेल का मैदान हो। सीधी सी बात है आगे पाठ पिछे सपाट की नीति पर नगर निगम को चलते देखा जा सकता है।
अपुष्ट जानकारी के अनुसार तेलीबांधा तालाब में नगर निगम स्मार्ट सिटी के द्वारा अब तक 10 करोड रुपए खर्च किए जा चुके हैं फिर भी पानी का ऑक्सीजन लेवल अभी तक सुधार नहीं हुआ है। इसी तरह से रायपुर की शान कहे जाने वाले बूढ़ा तालाब में 9 करोड रुपए खर्च किए गए। आज भी इस तालाब के बहुत बड़े भूभाग में जलकुंभी फैली हुई है।
उल्लेखनीय है कि करी तालाब में 6 करोड रुपए से ज्यादा खर्च किए गए नरैया तालाब की बात करें तो यह शहर के मध्य में स्थित है विगत 56 वर्षों में 7 करोड़ से भी अधिक राशि संरक्षण संवर्धन में खर्च किए जा चुके हैं बावजूद देखरेख के अभाव में नरैया तालाब दम तोड़ते नजर आ रहा है।
दूसरी तरफ शहर के प्रमुख भूभाग में स्थित अमलीडीह तालाब और आमा तालाब की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है । अमलीडीह गार्डन स्थित तालाब की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। स्मार्ट सिटी के द्वारा जब से इस तालाब की खुदाई की गई है तालाब में जल भराव रुकना कम हो गया है । जिसके कारण यहां बोर का पानी तालाब में डाला जा रहा है। एक अन्य वार्ड स्थित आमा तालाब की बात करें तो आमा तालाब में बड़े-बड़े घास उग जाने के कारण तालाब 40% से अधिक भाग पट गया है। इन दोनों तालाबों में क्षेत्र के निवासी बड़ी संख्या में निस्तारी का उपयोग करते हैं।
तालाबों के संरक्षण और संवर्धन में ग्रीन आर्मी की महत्वपूर्ण भूमिका
तालाबों के संरक्षण और संवर्धन में काम करने वाली संस्था ग्रीन आर्मी भी समय-समय पर नगर निगम का ध्यान आकर्षित करते रहती है । इतना ही नहीं ग्रीन आर्मी के सदस्यों को विभिन्न तालाबों की सफाई करते देखा जा सकता है।
पॉन्ड्समेन का छत्तीसगढ़ प्रवास
मेरी जिंदगी पानी की बूंदों से“ नाम से स्मार्ट सिटी और जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित कार्यशाला में देश के ख्यातिलब्ध पर्यावरणविद् और पॉन्डमैन के नाम से मशहूर रामवीर तंवर विशेष रूप से उपस्थित थे। इसके अलावा जल विशेषज्ञ कुंडलेश्वर पाणिग्रही और शहर के अन्य भू-जल विशेषज्ञ, पर्यावरणविद् उपस्थित थे। अब देखने वाली बात यह होगी कि इन सब के अनुभव और प्रयासों का लाभ रायपुर शहर वासियों को कैसे , कब , किस स्तर तक मिलता है।