निर्जला व्रत के साथ सुहागिनें रखी हैं पति की दीर्घायु के लिए तीजा व्रत फुलेरा के नीचे भगवान शिव और पार्वती की करते हैं पूजा
निर्जला व्रत के साथ सुहागिनें रखी हैं पति की दीर्घायु के लिए तीजा व्रत
फुलेरा के नीचे भगवान शिव और पार्वती की करते हैं पूजा
रायपुर खबर योद्धा विद्या भूषण दुबे।। समूचे छत्तीसगढ़ के साथ साथ राजधानी में आज यानी भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है। यह व्रत माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख-सौभाग्य की कामना के लिए रखती हैं। कुछ स्थानों में कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं अन्न-जल ग्रहण किए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। निर्जला व्रत होने के कारण इस त्योहार को बेहद ही कठिन माना जाता है।
ससुराल से मायके आई हुई नव विवाहितों के द्वारा घरों में फुलेरा के नीचे भगवान शिव पार्वती की मूर्ती की पूजा अर्चना कर अपने पति के दीर्घायु की कामना करते हैं। रात्री जागरण के साथ भजन कीर्तन भी करते हैं।
एक कथा के अनुसार पार्वती पूर्व जन्म के प्रभाव की वजह से मन में ही महादेव को अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी थीं। लेकिन माता सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव तपस्या में लीन थे, जिसकी वजह से वह तपस्वी बन गए थे। मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की। उनकी तपस्या को देख महादेव प्रसन्न हुए और मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया।