यह दृश्य देखकर कप जाएगा कलेजा, बिलख रही बूढ़ी मां लोहारी डीह में पसरा सन्नाटा , प्रशांत की मौत और बिलख रही मां ने की न्याय की मांग मासूम पूछ रहा अम्मा और पापा कहा है दीदी
यह दृश्य देखकर कप जाएगा कलेजा, बिलख रही बूढ़ी मां
लोहारी डीह में पसरा सन्नाटा , प्रशांत की मौत और बिलख रही मां ने की न्याय की मांग
मासूम पूछ रहा अम्मा और पापा कहा है दीदी
कवर्धा खबर योद्धा।। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में कई बलवा की घटना घटित हो चुकी है लेकिन आज तक इस तरह की घटना सुनाई में नही आया की बलवा में गिरफ्तार किए आरोपी की मौत हुई हो , हा अगर हम आज से लग भग 20 वर्ष पुराने घटना की बात करे तो बलदाऊ हत्या कांड का मामल तो आता है लेकिन वो बलवा से जुड़ा हुआ नही था ।
जानकारों की माने तो कबीरधाम जिले की ये ऐसी हृदय विदारक घटना है जिसे भुला नहीं जा सकता , लोहारी डीह के बहुत से घरों में तले लटक रहै है । कुछ ऐसे भी मासूम देखे गए जिनके माता और पिता दोनों को पुलिस वाले उठाकर ले गए हैं और बच्चों को दो वक्त के खाने के लिए भी मोहताज होना पड़ रहा है । हाला की ग्राम में जो लोग है वे बच्चो के साथ है । तो कोई अपनी नानी के घर पर है इसके साथ ही , एक ऐसा घर भी है जहा दो मासूम बच्चों के साथ देरानी और जेठानी रह रहे है । उनके पति को भी पुलिस उठा कर ले गई है । महिला का कहना है की घटना के दिन ही उसका पति बाहर से आया था और उसे घर से घसीटे हुए पुलिस ले गई । अब वे घर पर अकेले रह रहे है ।उनका कहना है की पुलिस उन्हें भी ले जाए । और इस तरह की बात अपने माता पिता से दूर हुए बच्चे भी कर रहे है ।
जिस तरह से मृतक प्रशांत साहू के शरीर पर गंभीर चोट के निशान देखे गए है उस फोटो को देख कर अब आम जन भी रही चर्चा कर रहे है की बलवा तो अनेक बार हुआ लेकिन इस तरह से किसी को मरना और मौत होना बहुत ही बड़ा गंभीर विषय है । आखिर ऐसा क्या कारण रहा की इस तरह से मारा गया , कार्यवाही को लेकर भी आम जनों में चर्चा का विषय बना हुआ है पूरे मामले की सीसी टीवी कैमरे से जांच कर उच्याधिकारियो पर कारवाही किए जाने की बात आम जनों द्वारा किया जा रहा है ।
जिले के रेंगाखार में युवक की हत्या के बाद आगजनी और पुलिस पर हमले के बाद सियासत शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा की विष्णु सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गृह मंत्री के क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं होना दुर्भाग्यजनक है और यह सरकार की लापरवाही को उजागर करता है।
पुलिस, जेल तथा अस्पताल प्रशासन पर आरोप ?
आरोप लगाया जा रहा है कि प्रशांत की मौत के लिए पुलिस प्रशासन तो दोषी है ही साथ ही जेल तथा अस्पताल प्रशासन भी जिम्मेदार है। सवाल उठाया जा रहा है कि क्या जेल दाखिल किए जाने से पूर्व प्रशांत का मेडिकल नहीं कराया गया था और कराया गया था तो फिर अस्पताल प्रशासन ने गंभीर चोटों के बाद भी प्रशांत को जेल में रखने की सहमति क्यों दी और अगर मेडिकल चैकप नहीं कराया गया था तो फिर जेल प्रशासन ने बगैर मैडिकल चैकप के उसे जेल में क्यों रखा? कहा जा रहा है कि प्रशांत को मंगलवार के दिन भी अस्पताल लाया गया था और उसके सीने का एक्सरा आदि भी किया गया था, तो क्या उस समय प्रशांत के शरीर में वो चोट के निशान मौजूद नहीं थे जो बुधवार को पंचनामा तथा पीएम में सामने आए हैं। ये कुछ ऐसे सवाल है जो निश्चित रूप से जेल प्रशासन के साथ अस्पताल प्रशासन को भी न सिर्फ कटघरे में खड़ा करते हैं। यही वजह है कि मामले की न्यायीक जांच कराए जाने की मांग की जा रही है।
पुलिसिया मारपीट व बर्बरता पर एफआईआर व गिरफ्तारी क्यों नहीं
सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि जब बीते रविवार को ग्रामीणों की उग्र भीड़ के द्वारा पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के घर में आगजनी तथा उसकी हत्या किए जाने के बाद पुलिस ने करीब 160 लोगों के खिलाफ 5 नामजद एफआईआर दर्ज कर करीब 70 लोगों की गिरफ्तारी की तो फिर जब सोमवार को पुलिस प्रशासन की उग्र भीड़ ने ग्रामीणों पर धाबा बोलकर उनकी इतनी बेरहमी से पिटाई की, कि प्रशांत साहू की मौत हो गई तो फिर आरोपी पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर तथा गिरफ्तारी की कार्यवाही क्यों नहीं की गई। सवाल उठाया जा रहा है कि क्या एक अधिकारी पर सिर्फ निलंबन की कार्यवाही काफी है? कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई एसे प्रश्न खड़े किए की अब राजनीतिक हल चल भी तेज हो गई है । पूरे मामले को गंभीरता से लिया जाए तो जिस तरह बलदाऊ हत्या कांड में बहुत से लोगो को सजा हुई थी वैसे ही इस मामले की जांच कर कार्यवाही किए जाने की उम्मीद लोग कर रहे है ।