फर्जी तरीके से दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर पाया सरकारी नौकरी, अब शिकायत के बाद कृषि विभाग के 10 कर्मचारियों को फिर से होगा मेडिकल जांच
फर्जी तरीके से दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर पाया सरकारी नौकरी, अब शिकायत के बाद कृषि विभाग के 10 कर्मचारियों को फिर से होगा मेडिकल जांच
Dm ने छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के आवेदन बाद कर्मचारियों को मेडिकल कराने के दिए निर्देश
कवर्धा खबर योद्धा।। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में फर्जी तरीके से दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है। अब शिकायत के बाद कृषि विभाग के 10 कर्मचारियों को फिर से मेडिकल जांच होगा। इसे मामले को लेकर कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के आवेदन बाद कर्मचारियों को मेडिकल कराने के निर्देश दिए है। मिली जानकारी अनुसार जिले में कार्यरत दिव्यांग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के खिलाफ फर्जी/ गलत दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने का संदेह है। दिव्यांगता का परीक्षण संभाग मेडिकल बोर्ड से कराने कहा गया है। साथ ही जिला मेडिकल बोर्ड का अपील संभाग एवं संभाग का अपील राज्य मेडिकल बोर्ड में कराने का प्रावधान है। किसी भी दिव्यांग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के दिव्यांगता का परीक्षण नही कराया गया है न ही वेतन रोका गया है न ही कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही किया है।
ऐसे में दिव्यांग सेवा संघ द्वारा 10 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, जिला कबीरधाम को दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण/निःशक्तता की जांच के लिए संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर (छ.ग.) में 10 दिवस के भीतर दिव्यांगता संबंधी मेडिकल जांच / परीक्षण कराने कहा गया है। साथ ही जांच संबंधी प्रतिवेदन कलेक्टर कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देष दिए गए है।
बीते कई साल से चल रहा मामला
फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों के खिलाफ छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने मोर्चा खोल दिया है। इसे लेकर बीते एक साल से लड़ाई लड़ रहे है। इसी माह रायपुर में प्रदर्शन किए जाने की तैयारी थी। इसके बाद सरकार ने संदेही कर्मचारियों को मेडिकल कराने कहा है। फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वालों की सूची संघ ने बकायदा प्रशासन व कृषि विभाग को भी सौंपा था। वहीं प्रदेशभर के आला अधिकारियों को भी इसकी शिकायत की गई थी।
अधिकांश का प्रमाण पत्र बनवाया गया मुंगेली से
छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ के पदाधिकारियों के अनुसार दिव्यांग लोगों की विशेष भर्ती के दौरान वृहद स्तर पर श्रवण बाधित विकलांग प्रमाण पत्र बना है। इसके आधार पर सभी नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों के विकलांग प्रमाण पत्र की राज्य मेडिकल बोर्ड से जांच कराने की मांग की है।
अधिकांश प्रमाण पत्र बिलासपुर और मुंगेली में पदस्थ दो डाक्टरों के हस्ताक्षर से जारी हुए हैं। इनमें से एक डाक्टर बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग में महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ हैं। संघ का कहना है कि प्रमाण पत्र की जांच से पूरी गड़बड़ी सामने आ सकती है।
पहले भी की गई थी शिकायत, पर नहीं हुई कार्रवाई
संघ ने 2 साल पहले कृषि विभाग के 52 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, उद्यान विभाग के 11 ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, मुंगेली जिले के 39 अधिकारी-कर्मचारी, जल संसाधन विभाग के करीब 10 सब इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग के करीब 15 सब इंजीनियर के फर्जी दिव्यांग होने की शिकायत की थी। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा सभी भर्ती परीक्षा में अंकित किया जाए कि दिव्यांग सीट पर चयनित अभ्यर्थी के दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण सक्षम बोर्ड से कराने के बाद ही ज्वाइनिंग दिया जाने की मांग रखी गई थी। भविष्य में शिकायत होने पर संभाग और राज्य मेडिकल बोर्ड से दोबारा दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराने का प्रावधान हो। अब इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच किया जायेगा ।