कवर्धा में पहली बार रोपे जायेगें नारियल के पौधे नारियाल के पौधों का रोपण एवं प्रबंधन विषय पर कवीर किसानों का किया गया प्रशिक्षण
कवर्धा में पहली बार रोपे जायेगें नारियल के पौधे
नारियाल के पौधों का रोपण एवं प्रबंधन विषय पर कवीर किसानों का किया गया प्रशिक्षण
कवर्धा खबर योद्धा ।।नारियाल विकास बोर्ड, कोंडागांव, कृषि विज्ञान केंद्र कवर्धा एवं छत्तीसगढ़ एग्रीकान समिति के संयुक्त तत्वाधान में कृषि विज्ञान केंद्र नेवारी के सभा कक्ष में कवीर किसानो का नारियल के पौधे का रोपण और प्रबंधनविषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया एवं उसके बाद अतिथियों का स्वागत किया गया ।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए छत्तीसगढ़ एग्रीकान समिति से जिला समन्यवक दीपक बागरी ने कवीर किसानों का परिचय करवाया एवं किस प्रकार से किसानों की मदद से पर्यावरण अनुकूल खेती अपना कर भूमि के पुनरुद्धार के लिए काम किया जा रहा है उसको विस्तार से बताया गया ।
नारियाल के पौधों का रोपण कैसे करना है इसकी जानकारी नारियाल विकास बोर्ड कोंडागांव के असिस्ट . डायरेक्टर आई. सी. कोटियार के द्वारा दिया गया उन्होंने बताया कि नारियल के पौधों का रोपण कर किसानों को बेहतर लाभ मिल रहा है एवं प्रकृति के अनुकूल भी है । उन्होंने नारियल विकास बोर्ड की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी एवं किस मौसम में कैसे रख रखाव रखना है उसको बताया ।
सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग आर. एन. पाण्डेय द्वारा बताया गया कि कैसे हम अंतरवर्ती फसल ले सकते है उन्होंने किसानो को नारियल के बिच में किस प्रकार की फसल ली जा सकती है और किन किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए के बारे में विस्तार से बताया |
उन्होंने बताया की किसानो को नारियल के बिच में दलहनी फसल लेने को कहा क्योंकि दलहनी फसल नारियल के लिए सहायक फसल साबित होगी क्योंकि दलहनी फसल अपने जड़ में नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करती है जो नारियल के लिए उपयोगी साबित होगी |
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उन्होंने किसानो के पूछने पर आंवला फलन में परेशानी क्यों होती है उसके कारन को बताया और किसा प्रकार हम उसको ठीक कर सकते है के बारे में विस्तार से बताया | साथ ही उन्होंने बताया की एक सिंगल नारियल के पेड़ में फूल लगने के बाद वो क्यों झड जाती और फलती नहीं के कारणों को बताया और बताया की उसे किस प्रकार ठीक किया जा सकता है | उन्होंने जल संरक्षण का महत्व बताते हुए किसानो के सामने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया की किसान अपने खेत में किस प्रकार रिचार्ज पिट बनवा सकते है |
कृषि विज्ञानं केंद्र वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हेड डॉ. बी. पी त्रिपाठी ने नारियल में लगने वाले किट और रोगों के बारे में बताया | त्रिपाठी सर ने किसानो को नारियल के पौधे में किस प्रकार के किट और रोग लगते है उसकी जानकारी विस्तार से दी | उन्होंने नारियल में लगने वाले किट और रोगों के लक्षण के चित्र दिखाकर किसानो को उसकी पहचान कराई और निदान के बरा में बताया | उन्होंने बताया की किस रोग और किट के लिए कोण सी दवाई का उपयोग कब और कैसे करना है | इसके साथ ही उन्होंने किसानो से कहा की किसानो को जब भी खेती किसानी से सम्बंधित सलाह या परेशानी जैसे रोग और किट के बारे में उसके निदान के बारे में उनकी जरुरत पड़े किसान उनसे संपर्क कर सकते है या कृषि विज्ञानं केंद्र में आकर समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते है |
इस असवार पर कवर्धा ब्लॉक से नाऊडीह, दौजरी, जरती, दशरंगपुर खुर्द, खैरीपार और पंडरिया ब्लॉक से महली, पौनी, बांधा, डोमसरा और बनियाकुबा के किसान और नारियल विकास बोर्ड कोंडागांव से तकनीकी सहयोगी दृष्या एवं अभिषिका छत्तीसगढ़ एग्रीकान समिति से नीतेश, कविता, आकाश और ओम प्रकाश उपस्थित रहे ।