नौतपा अगर न तपे तो जाने क्या होगा ?
नौतपा अगर न तपे तो क्या होता है ?
ज्योतिष गणना 55 दिन होगी बारिश
8 जून को आद्रा नक्षत्र से वर्षा की शुरुआत
रायपुर खबर योद्धा विद्या भूषण दुबे।। मौसम विभाग ने शनिवार को रायपुर समेत प्रदेश के कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग का कहना है कि इसके बाद भी अधिकतम तापमान में गिरावट नहीं आएगी. राजधानी में नवतपा के एक दिन पर सूरज ने अपना रौद्र रूप दिखाया. इसके कारण लोग दिनभर भारी गर्मी से परेशान रहे. गर्मी इतनी अधिक थी कि कूलर, पंखों से भी राहत नहीं मिल रही थी।
मौसम विभाग के अनुसार एक द्रोणिका दक्षिण पश्चिम राजस्थान से छत्तीसगढ़ तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. एक चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण उत्तर पूर्व मध्यप्रदेश के ऊपर 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. शनिवार को आकाश आंशिक मेघमय रहने तथा गरज-चमक के साथ बौछारे पड़ने की संभावना है. अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रह सकती है। –
उधर ज्योतिषीय लोगो की मान्यता है कि नौतपा के नौ दिनों में यदि तेज गर्मी पड़ती है तो आने वाला मानसून अच्छा होता है। चूंकि, इस साल तेज गर्मी पड़ने की संभावना है। इसलिए मानसून भी बेहतर रहेगा। सूर्य, जिस दिन आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है, उस दिन से तेज बारिश का मौसम शुरू होता है। इस साल आठ जून को आद्रा नक्षत्र है, इस दिन से देशभर में मानसून छा जाएगा। लगभग 55 दिनों तक बारिश होने की संभावना है। ऐसी संभावना है कि 31 मई को मानसून केरल पहुंचेगा।
नवतपा को लेकर लोक मान्यता
25 मई से नौतपा शुरू होने जा रहा है। मान्यता के अनुसार, नौतपा के नौ दिनों में भगवान सूर्य की पूजा का विशेष विधान है। इस अवधि के नौ दिन साल भर के सबसे गर्म माने जाते हैं।
नौतपा अगर न तपे तो क्या होता है ? इस संबंध मे लोक मुहावरा है- दो मूसा, दो कातरा, दो तीड़ी, दो ताय। दो की बादी जळ हरै, दो विश्वर दो वाय।
नौतपा के पहले दो दिन लू न चली तो चूहे बहुत हो जाएंगे। अगले दो दिन न चली तो कातरा (फसल को नुकसान पहुंचाने वाला कीट)। तीसरे दिन से दो दिन लू नहीं चली तो टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं होंगे। चौथे दिन से दो दिन नहीं तपा तो बुखार लाने वाले जीवाणु नहीं मरेंगे। इसके बाद दो दिन लू नहीं चली तो विश्वर यानी सांप-बिच्छू नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे। आखिरी दो दिन भी नहीं चली तो आंधियां अधिक चलेंगी। फसलें चौपट कर देंगी।