चिट्ठी आई आई है….. रेडियों में जब ये गाना आता था तो न जाने कितनी आंखे नम हो जाती थी …. बड़े दिनों के बाद वतन…..
चिट्ठी आई आई है….. रेडियों में जब ये गाना आता था तो न जाने कितनी आंखे नम हो जाती थी …. बड़े दिनों के बाद वतन…..
।। मुंबई खबर योद्धा ।। चिट्ठी आई है का गाना कई लोगों को रुला चुका है। इस गाना सुनने के बाद सबसे पहले राज कपूर रोए थे। पंकज उधास इस गाने से जुड़े कई किस्से भी बता चुके हैं। रेडियो में जब फौजी भाइयों के लिए ‘चिट्ठी आई है’ गाना बजता तो सभी की आंखे नम हो जाती थी। अब इस गीत को गाने वाले पंकज उधास लोगों को रुलाकर इस दुनिया से अलविदा कह गए । राज कपूर ने पंकज उधास से कहा की इस गाने को गाकर पंकज अमर हो गए। इस गाने के रिकॉर्डिंग की रोचक कहानी खुद पंकज उधास जी कई बार बता चुके हैं।
गजल गायक पंकज उधास लंबी बीमारी के बाद 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उन्हें 2006 में पद्मश्री मिला था। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नायाब ने सोशल मीडिया पर दी है। गजल गायक पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने मुंबई के बीच कैंडी हॉस्पिटल में सोमवार 26 फरवरी की सुबह 11 बजे अंतिम सांस ली। पंकज उधास को बड़ी पहचान फेमस गजल ‘चिट्ठी आई है’ से मिली थी।
पंकज उधास जी का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। वो अपने तीनों भाइयों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार राजकोट के पास चरखाड़ी नाम के एक कस्बे का रहने वाला था। उनके दादा जमींदार थे और भावनगर राज्य के दीवान भी थे। पंकज के दोनों भाई मनहर और निर्जल उधास म्यूजिक इंडस्ट्री में जाना पहचाना नाम है ।
मुख्यमंत्री ने किया शोक व्यक्त
CM विष्णुदेव साय ने गजल गायक पंकज उधास के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और परिजनों व शुभचिंतकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है। सीएम ने कहा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्व. पंकज उधास छत्तीसगढ़ आया करते थे। सितंबर 2020 में संस्कृति विभाग द्वारा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने शिरकत की थी।