भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा में राष्ट्रीय तितली – ऑरेंज ओक लीफ बटरफ्लाई से आकर्षित हो रहे पर्यटक
भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा में राष्ट्रीय तितली – ऑरेंज ओक लीफ बटरफ्लाई (डेड लीफ बटरफ्लाई) (Kalimbainachu) से आकर्षित हो रहे पर्यटक
कवर्धा खबर योद्धा ।। मैकल पर्वत श्रृंखला के मध्य 352 वर्ग किमी में फैला भोरमदेव वन्यप्राणी अभयारण्य वन्यजीवों, पक्षियों, सरिसृपों और दुर्लभ वनस्पतियों का प्राकृतिक आवास है, जो यहां जैव विविधता का निर्माण करते हैं। वन्यप्राणियों और अनगिनत दुर्लभ वनस्पतियों के साथ भोरमदेव अभयारण्य रंग-बिरंगी तितलियों का भी प्राकृतिक आवास है। अभयारण्य में 90 से अधिक प्रजाति की तितलियां मौजूद है
भोरमदेव वन्य जीव अभ्यारण्य का वह ट्रेल अप्रतिम है जिसमे अभ्यारण्य की जीवनदायिनी सकरी नदी को २३ बार पार करना होता है और रास्ते में एक बहुत ही सुन्दर झरना भी है। ऑरेंज ओक लीफ बटरफ्लाई (डेड लीफ बटरफ्लाई) (Kalimbainachus) के अलावा 20 अन्य तितलियाँ देखी गयी जिनमे गोल्डन फ्लैट, डबल बैन्डेड जुडी, कॉमन जज्बेल, टाइगर ब्लू, प्लेन टाइगर, striped टाइगर, कॉमन क्रो, बैरोनेट, ग्रे काउंट, इवनिंग ब्राउन, कॉमन सेलर, रेड फ़्लैश, ओक ब्लू, ज़ेब्रा ब्लू, लेओपोर्ड, पिएर्राेट, कॉमन माइम, एमिग्रांट, लेमन येलो, ग्रास ब्लू, ग्रे पैन्सी, चॉकलेट पैन्सी, ब्लू पैन्सी, येलो पैन्सी, लेमन पैन्सी, आदि प्रमुख हैं, साथ ही 19 प्रकार की पक्षी भी दिखे, जिनमे क्रेस्टेड सरपेंट ईगल, वाइट आइड बज्ज़र्ड, एमरल्ड डव, टर्टल डव, कालरड डव, जंगल ओवलेट, वाइट ब्रेस्टेड किंगफ़िशर, लिटिल कोर्माेरेंट, इंडियन रोलर,oriental magpie robin, वैगटेल, ग्रीन लीफ बर्ड, अलेक्संद्रिन पेराकीट, तिम्निच्क्स स्तिंत (Timniks Stint), बुलबुल, मैना, वीवर बर्ड.Caucal, हिल क्रो, हॉक कुकु अदि प्रमुख है।
वनमंडलाधिकारी, कवर्धा शशि कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार वन्य जीव प्रेमी डॉक्टर रविकांत दास, वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं प्राध्यापक, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सिम्स, बिलासपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा दिनांक 10 एवं 11 अप्रैल को भोरमदेव अभ्यारण्य भ्रमण किया गया जहां पर उन्हें राष्ट्रीय तितली – ऑरेंज ओक लीफ बटरफ्लाई (डेड लीफ बटरफ्लाई) (Kalimbainachu) देखने को मिला।
डॉक्टर रविकांत दास ने बताया कि उन्हें अभ्यारण्य में ऑरेंज ओक लीफ बटरफ्लाई (डेड लीफ बटरफ्लाई) (Kalimbainachu) जिसे वर्ष 2020 में देश की राष्ट्रीय तितली चयनित किया गया था, देखने का अवसर मिला। ज्ञात हो की जब भी प्राणियों द्वारा छद्म धारण का उदहारण दिया जाता है तो सबसे पहले डेड लीफ का नाम लिया जाता है। ये जब अपने पंख बंद कर लेती है तो एक सूखी हुई पत्ती की हु-बहु लगती है और इस तरह से अपने भक्षियों को चकमा देती है।
अगर कोई शिकारी जीव, उसकी उड़ान के दौरान आक्रमण कर देता है, तो यह अपने पंख बंद कर जमीन में सूखे पत्तियों के ढेर मे छुप जाती है और शिकारी लाख कोशिशों के बाद भी उसे खोज नहीं पाताद्य परन्तु खुले पंखों में इसकी सुन्दरता की कोई मिसाल नहीं है. गहरे हल्के नीले रंग के आवरण में नारंगी रंग के चौड़े पट्टे अत्यंक मोहक लगते है। यही वजह है की इसे राष्ट्रिय तितली का दर्जा मिल पाया है। उनकी उपस्थिति भोरमदेव वन्य जीव अभ्यारण्य को ख़ास बनाती है और यहाँ ख्यति में चार चाँद लगाती है। अन्य तितिलियों की तुलना में इनको ढूंढ पाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि ये अन्य तितलियों की तरह उड़तीनहीं रहती बल्कि पेड़ों के तने अथवा पत्तियों पर चिपकी रहती है बिना किसी हलचल के और कभी कभार ही उड़ती है, बहुत ही कम समय के लिए और बहुत ही तेज गति सेद्य जब मै फोटो खिंच रहा था तब वह इतनी फुर्ती से उड गयी की मुझे खुले पंखों में फोटो खीचने का मौका ही नहीं मिला, और उड़ने के बाद कहाँ गायब हुई पता ही नहीं चला।