राममय हुआ पूरा क्षेत्र, दिव्य अनुष्ठान से श्रद्धालुओं में भरा भक्ति और उत्साह
संसार में हमारा आगमन भगवत प्राप्ति की होनी चाहिए, नही रोटी कपड़ा मकान और दुकान: प्रज्ञानानंद
आज होगी पर्वतदान श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति और होगा पर्वतदान, गोदान ,सहस्त्रधारा व ब्राम्हण भोज।
राममय हुआ पूरा क्षेत्र, दिव्य अनुष्ठान से श्रद्धालुओं में भरा भक्ति और उत्साह
बोडला दीपक माग्रे।। ग्राम सुकुवापारा के अयोध्या तिलकवार निवास में 11 से 19 मार्च तक आयोजित हो रहे पर्वतदान श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ की आज पूर्णाहुति होगी। 9 दिवसीय इस दिव्य धार्मिक अनुष्ठान के समापन अवसर में पर्वतदान की जाएगी। गो दान, सहस्त्रधारा व ब्राह्मण भोज भी कराई जाएगी। वहीं सप्ताह भर से श्रीराम कथा की बहती अविरल धारा पर भी विराम लग जाएगी।श्रीराम कथा के सातवें दिन अयोध्या निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती ने श्रोताओं से कहा। संसार में हमारा आगमन मोक्ष के लिए हुआ है। रोटी, कपड़ा, मकान और दुकान के लिए नहीं हुआ है।
जीवन का मूल उद्देश्य तो भगवत प्राप्ति ही होनी चाहिए रोटी कपड़ा मकान और दुकान तो साधन मात्र है। स्वामी जी ने कहा सत्संग से ही परमात्मा की प्राप्ति होती है । सत्संग कैसा वेद शास्त्र और महापुरुषों के चरणों में बैठकर सत्संग करें। उन्होंने कहा वेद भगवान के स्वांस, श्रुतियां व मंत्र हैं, और भगवान इनके अधीन हैं। महामंडलेश्वर ने कहा कृपा से संसार मिलेगा । अति हरि कृपा से सर्वेश्वर और उसकी मंगलमय कथा की प्राप्ति होगी ।
उन्होंने बताया सत्संग व भगवत चर्चा को श्रवण करने के लिए उसकी गान और पान की सद्भागी बनने के लिए जब हम पग पग बढ़ाते हैं। तो हमारा एक-एक पग अति हरि कृपा का भाव उद्भाषित करता है। जहां हमें आत्म कल्याण का स्वरूप प्राप्त होता है।