जहरीला मशरूम हो सकता है जान लेवा । जाने उसकी पहचान जहरीले मशरूम में एमाटॉक्सिन होता है, जिस कारण पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, सिर दर्द, सहित गंभीर बीमारी भी हो सकता है मशरूम फायदेमंद, लेकिन जहरीले मशरूम को खाने से बचें : डॉ. त्रिपाठी मशरूम में चटक रंग, रिंग्स बने दिखे तो खाने से बचें
जहरीला मशरूम हो सकता है जान लेवा । जाने उसकी पहचान
जहरीले मशरूम में एमाटॉक्सिन होता है, जिस कारण पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, सिर दर्द, सहित गंभीर बीमारी भी हो सकता है
मशरूम फायदेमंद, लेकिन जहरीले मशरूम को खाने से बचें : डॉ. त्रिपाठी
मशरूम में चटक रंग, रिंग्स बने दिखे तो खाने से बचें
कवर्धा खबर योद्धा।। कबीरधाम जिले में मशरूम की मांग तेज है। एक हजार रूपए किलों तक लोग इसे खरीद रहे है। बारिश के शुरू होते ही जिले में स्थानीय मशरूम की भरमार हो जाती है।बरसात शुरू होने के साथ ग्रामीण सहित वनांचल क्षेत्रों से जहरीले मशरूम खाकर बीमार पड़ रहे है।
ऐसे में जहरीले मशरूम की पहचान के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। प्राकृतिक मशरूम को ग्रामीण समेत शहरी क्षेत्र के लोग बड़े चाव से खाते है, लेकिन ग्रामीण अंचलों में स्थानीय मशरूम की सही जानकारी नही होने के कारण कई बार लोग जहरीले मशरूम का सेवन कर लेते है।
कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. बी. पी. त्रिपाठी ने बताया कि प्राकृतिक रूप से उगे सभी स्थानीय मशरूम खाने योग्य नही होते है, इसकी पहचान जरूरी है। मशरूम की प्रजाति, बनावट, आकार, रंग, गंध स्थान व मौसम के आधार पर पहचान की जा सकती है। मशरूम एक प्रकार का कवक होता है। बरसात के मौसम में प्राकृतिक रूप से उगने वाले मशरूम दोनो ही अपने स्वाद, पौष्टिक व औषधीय गुणों के कारण प्रसिद्ध है। यही कारण इसकी मांग अधिक है। मशरूम प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है। इसमें 20-35 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा विद्यमान रहती है।
इसमें विटामीन सी, विटामीन डी, पोटेशियम, फास्फोरस, सोडियम तथा सूक्ष्म मात्रा में लोहा भी पाया जाता है। जो मानसिक तनाव से ग्रसित मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। इसमें वसा, स्टार्च, कोलेस्ट्राल की मात्रा कम होती है। डॉ. बी.पी. त्रिपाठी ने बताया कि प्राकृतिक मशरूम एक निश्चित मौसम में ही मिलता है। जहरीले मशरूम में एक घातक एमाटॉक्सिन होता है, जिस कारण पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, सिर दर्द, चक्कर आना व छोटी से लेकर गंभीर बीमारी हो सकती हैं।
मशरूम जहरीला या नही जाने ऐसे
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि प्राकृतिक रूप से उगने वाले स्थानीय मशरूम खुखडी, पिहरी, पुटु जिनके रंग लाल, नीला, पीला, हरा,चितकबरा, बैगनी व नारंगी हो उसे खाने में प्रयोग न करे। इसके सेवन से बचने का प्रयास करें। मशरूम में यदि छतरी के पास या तने में रिंग्स दिखार्द दे तो उसे न खाए, यह जहरीला हो सकता है। कई स्थानीय जंगली मशरूम से चिपचिपा पदार्थ या दूध निकलता है वो भी जहरीली हो सकता है, इसे खाने से बचें, यह सेहत खराब कर सकता है। यदि मशरूम को लंबाई में काटा जाए और कटा हुआ हिस्सा नीला हो जाए तो समझिए मशरूम जहरीला है, इसे न खाएं। खेत व जंगलों में निकलने वाले मशरूम की छतरी यदि चपटी हो तो उसे न खाएं। दलदल या गोबर में उगे खुखड़ी, मशरूम भी जहरीला हो सकता है।