जूनियर कॉलेज में कबड्डी खिलाड़ी था बसवा राजू कैसे बना माओवादी

कौन है अबूझमाड़ एनकाउंटर में मारा गया नंबाला केशव राव उर्फ बसवा राजू,
उसने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वारंगल से बीटेक की डिग्री की थी हासिल
जूनियर कॉलेज में कबड्डी खिलाड़ी था बसवा राजू कैसे बना माओवादी
रायपुर खबर योद्धा।। चिंतलनार में सीआरपीएफ कैंप और झीरम घाटी हमले का मास्टरचिंतलनार में सीआरपीएफ के 76 जवानों को मारने वाले माओवादियों का नेतृत्वकर्ता माइंड, 70 वर्ष की आयु में अंततः मारा गया।
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन बुधवार डीआरजी जवानों ने मार गिराया है। बसव राजू ने 2018 में गणपति की जगह सीपीआई (Maoist) महासचिव का पद संभाला। गणपति या मुप्पला लक्ष्मण राव 2004 में पीपुल्स वार और एमसीसी के विलय के बाद सीपीआई (Maoist) के पहले महासचिव थे। आरईसी वारंगल से बसवा राजू ने ग्रेजुएशन की , उसकी उम्र लगभग 70 साल थी।
बसवा राजू को चिंतलनार में सीआरपीएफ के 76 जवानों को मारने वाले माओवादियों का नेतृत्वकर्ता माना जाता है। इतना ही नहीं झीरम घाटी में कांग्रेस के काफिले पर घात लगाकर हमला करने के लिए भी उसे जाना जाता है। इसमें राज्य के पार्टी नेताओं को चाकू घोंप दिया था और गोली मार दी गई थी। वह आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले से है और बचपन से ही सीपीआई (ML) पीपुल्स वार ग्रुप की तरफ उसका ज्यादा आकर्षण रहा है। 1980 के दशक की शुरुआत में वह इसमें शामिल हो गया।
माओवादी विचारधारा की तरफ खींचने से पहले बसवा राजू स्कूल और जूनियर कॉलेज में कबड्डी खिलाड़ी था। उसने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वारंगल से बीटेक की डिग्री हासिल की थी। बसव राजू सीपीआई (Maoist) सैन्य आयोग का नेतृत्व कर रहा था। केशव राव ने ऐसे समय में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की थी, जब एनआईटी माओवादी विचारधारा का केंद्र बन गया था। इतना ही नहीं इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले कई स्टूडेंट माओवादी आंदोलन में शामिल हो गए थे। उसे लिट्टे जैसे अन्य गुरिल्ला आंदोलनों के साथ मेलजोल रखने व आंध्र प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर काम करने के लिए जाना जाता है।
बसवा राजू को एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट के तौर पर भी जाना जाता है। वह सुरक्षाबलों पर घात लगाने के लिए घातक IED तैयार करता था। एनआईए ने उस पर करीब 1 करोड़ रुपये का इनाम भी रखा था। 23 सितंबर 2018 को माओवादियों ने अराकू तेलुगु देशम पार्टी के विधायक किदारी सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक सिवेरी सोमा की हत्या कर दी थी। यह सब कुछ बसवराज की प्लानिंग पर ही अंजाम दिया गया था।