साधराम यादव के हत्या कांड मामले में आतंकी कनेक्शन की जांच शुरू, अन्य लोग भी राडर पर, हो सकती हैं गिरफ्तारी
जम्मू कश्मीर से है आरोपियों की आतंकी कनेक्शन
कवर्धा | । कवर्धा कोतवाली थाना क्षेत्र के लालपुर कला गांव में 21 जनवरी रविवार की सुबह साधराम यादव (50) का शव मिला । ये कवर्धा के एक गौ-शाला में चरवाहा का काम करता था। घटना के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा किया। पुलिस ने 5 आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाबालिग है। तीन दिन बाद 6वें आरोपी की गिरफ्तारी हुई थी। आरोपियों का नाम सुफियान पिता इजराइल कुरैशी उम्र 21 निवासी एकता चौक, इदरीश पिता खलील खान उम्र 27, निवासी वार्ड क्रमांक 05, आदर्श नगर, अयाज पिता तफज्जुल खान उम्र 29, निवासी वार्ड क्रमांक 18, बीच पारा व महताब पिता अनवर खान उम्र 22निवासी नवाब मोहल्ला व एक नाबालिग शामिल है। घटना के कुछ दिन बाद 6वें आरोपी शेख रफीक उर्फ रिंकू पिता महबूब खान उम्र 40 निवासी नवाब मोहल्ला कवर्धा की गिरफ्तारी हुई थी। 5 आरोपी कवर्धा के जेल व एक नाबालिग बाल सुधार गृह में बंद है।
प्रदेश में पहली बार कवर्धा शहर के इन 6 आरोपी युवक के खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है। जम्मू कश्मीर से आरोपियों की आतंकी कनेक्शन के साक्ष्य पुलिस को मिले है। अब मामले में पुलिस ने आतंकी कनेक्शन की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में अन्य लोग भी राडर पर है। ऐसे में आने वाले दिनों में कुछ आरोपी की गिरफ्तारी भी हो सकती है। इसे लेकर एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव ने बताया कि मामले की जांच जारी है। कड़ी दर कड़ी जांच चल रहीं है, जैसे ही कुछ और तार इस मामले में जुड़ेंगे तो गिरफ्तारी भी होगी। उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी के दोस्त व अन्य लोगों के संबंध में जांच जारी है।
जम्मू कश्मीर से आरोपियों के जाने व आने बीच की पूरी जानकारी खांगाली जा रहीं है। इस मामले में पुलिस द्वारा पूरी सर्तकता से काम किया जा रहा है। ताकि, किसी भी प्रकार से कमी का लाभ इन आरोपियों को न मिल सके। यहीं कारण है कि पुलिस ने घटना के करीब 28 दिन बाद भी कोर्ट में चालान पेश नहीं किया है। हालांकि, पुलिस को कोर्ट में चालान पेश करने का समय 90 दिन का मिलता है।
पुलिस की जांच में स्पष्ट हो चुकि है कि आरोपी के संबंध आंतकियों तक थे। ऐसे में आतंकी कनेक्शन जुड़ने के बाद परिजनों को बड़ी मुआवजा राशि मिल सकती है। क्योंकि, किसी भी नक्सल व आतंकी घटना में मारे गए लोगों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा विशेष तौर पर मुआवजा राशि दी जाती है। हालांकि, राज्य सरकार ने पीड़ित परिजन को 5 लाख रुपए जरूर दिया था। लेकिन, बाद में परिजनों ने कलेक्टोरेट में जाकर राशि का चेक को वापस कर दिया था। परिजनों की मांग गर्दन के बदले गर्दन है। इसी प्रकार बीते दिनों 14 फरवरी को बंद के दौरान सर्व समाज, विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य संगठनों ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए दिए जाने की मांग जरूर किया है।
पुलिस के अनुसार अब तक के जांच के दौरान इस मामले में सबसे बड़ा मास्टर माइंड इदरीश पिता खलील खान उम्र 27 व अयाज पिता तफज्जुल खान उम्र 29 दिखाई दे रहे है। क्योंकि, इन दोनों के बे-ग्राउंड आपराधिक श्रेणी के है। इनके खिलाफ पूर्व में कई मामले में थाना में दर्ज है। साथ ही झंडा कांड के भी आरोपी है। दोनों के बे-ग्राउंड की जांच पुलिस द्वारा किया जा रहा है।