कवर्धा में दंतेश्वरी माई की भव्यता से सजा राजमहल चौक का पंडाल, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
कवर्धा में दंतेश्वरी माई की भव्यता से सजा राजमहल चौक का पंडाल, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
कवर्धा खबर योद्धा ।। कवर्धा जिले में शारदीय नवरात्रि पर्व इस वर्ष पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। जिले भर में जगह-जगह आकर्षक और भव्य दुर्गा पंडाल बनाए गए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा का विषय राजमहल चैक का पंडाल बना है। इस बार यहां दंतेवाड़ा की मां दंतेश्वरी मंदिर की थीम पर आधारित भव्य पंडाल सजाया गया है, जो श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रहा है। यह पंडाल न केवल अपनी सजावट के कारण बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण भी विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन करने पहुंच रहे हैं, जिससे पूरे इलाके में उत्सव का माहौल है।
दंतेश्वरी माई की थीमः भव्यता का प्रतीक
राजमहल चैक का यह पंडाल दंतेवाड़ा के प्रसिद्ध दंतेश्वरी माई मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया है। पंडाल को इस प्रकार सजाया गया है कि वह दंतेश्वरी माई के प्राचीन मंदिर की याद दिलाता है, जो बस्तर क्षेत्र के दंतेवाड़ा में स्थित है। यहां पंडाल के अंदर प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को ऐसा अनुभव होता है जैसे वे दंतेवाड़ा के मंदिर में प्रवेश कर रहे हों। प्रवेश द्वार से लेकर पंडाल के अंदरूनी हिस्से तक की सजावट इतनी सुंदर और सजीव है कि लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। पंडाल की सजावट में विशेष रूप से लाइटिंग और फूलों का अद्भुत संयोजन किया गया है। अंदर मां दुर्गा की भव्य मूर्ति स्थापित की गई है, जो 2 सिंहो पर सवार होकर ममता और शक्ति का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करती है। मूर्ति का स्वरूप लोगों के दिलों को छू रहा है, और वे यहां पहुंचकर एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं की भीड़ः आस्था का सैलाब
हर दिन यहां हजारों श्रद्धालु मां दुर्गा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पंडाल की भव्यता और दंतेश्वरी माई की थीम के कारण लोगों में विशेष आकर्षण देखा जा रहा है। नवरात्रि के दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से देर रात तक लगातार बनी रहती है। यहां न केवल स्थानीय लोग बल्कि आसपास के गांव और शहरों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। पूजा-अर्चना के दौरान वातावरण में भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
मां दंतेश्वरी का पौराणिक और धार्मिक महत्व
मां दंतेश्वरी देवी को बस्तर क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। दंतेवाड़ा का यह मंदिर भारत के 52 शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि देवी सती के दांत (दंत) इस स्थान पर गिरे थे, इसलिए इसका नाम ‘दंतेश्वरी‘ पड़ा। यह मंदिर न केवल बस्तर क्षेत्र में बल्कि पूरे भारत में श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र है। हर वर्ष यहां लाखों श्रद्धालु नवरात्रि के दौरान दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर लगभग 600 वर्षों पुराना है और इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बेहद गहरा है ।।