हर वर्ग को इस बज़ट से बड़ी उम्मीदें पुरानी टैक्स व्यवस्था में कटौती की सीमा बढ़ाने की आशा। बजट 2025 हो सकते है बड़े ऐलान

हर वर्ग को इस बज़ट से बड़ी उम्मीदें
पुरानी टैक्स व्यवस्था में कटौती की सीमा बढ़ाने की आशा। बजट 2025 हो सकते है बड़े ऐलान
नई दिल्ली/रायपुर खबर योद्धा विद्या भूषण दुबे।। आगामी एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2025 पेश करने जा रही हैं। बज़ट में कुछ बड़े ऐलान किए जा सकते हैं करदाता ऐसी बड़ी उम्मीद लगाकर बैठे हुए हैं। बढ़ती महंगाई और कंजम्पशन को देखते हुए टैक्सपेयर्स टैक्स रेट्स में कटौती और छूट की सीमा बढ़ाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
जानकारों की माने तो सरकार नई कर व्यवस्था में कुछ छूट का ऐलान कर सकती है। विशेषज्ञ बजट 2025 में HRA, धारा 80C टैक्स डिडक्शन और 1 लाख रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन की बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में अभी नई कर व्यवस्था में कटौती की सीमा 75 हजार रुपये है, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है. वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था में कटौती की सीमा 50 हजार रुपये हैं। इसे भी बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है।
केंद्रीय बजट 2020 में नई कर प्रणाली शुरू की गई थी, जिसका लक्ष्य टैक्स इंफ्रा को सरल बनाना था। वैसे तो इसमें कोई छूट नहीं दिया जाता है केवल कटौती की सीमा ही निर्धारित दिखाई देती है। पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत भी स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया जाता है। अभी new tax regime में स्टैंडर्ड डिडक्शन 75 हजार रुपये है, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद है। वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपये हैं। इसे भी बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है।
इसी प्रकार से आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्सपेयर्स को 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट दिया जाता है। ऐसे में अब इसकी लिमिट बढ़ाने की मांग की जा रही है। इसमें काफी समय से बदलाव नहीं किया गया है। इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये किये जाने की मांग हो रही है। अभी निवेशक PPF, LIC, PF और होम लोन जैसी जगहों पर निवेश करके छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं।
होम लोन की आस लगाए नागरिकों को भी बड़ी आस है । व्यक्ति सेक्शन 80EE के तहत कोई भी नागरिक होम लोन की मूल राशि के लिए किए गए भुगतान पर कटौती का दावा करने का पात्र है। होम लोन ब्याज भुगतान के लिए प्रति वित्तीय वर्ष 50,000 रुपये तक की कटौती हो सकती है। बजट में इसे भी बढ़ाने की मांग की जा रही है।
टैक्सपेयर्स की एक आम मांग यह भी है कि HRA छूट को नई टैक्स व्यवस्था में शामिल किया जाए। अभी यह लाभ केवल पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत ही लागू है, जिससे कर की बचत होती है। जानकारों का मानना है कि इस छूट को शामिल करने से लोगों को बड़ी मदद होगी।