रेशम उत्पादन की प्रक्रिया समझने उमड़ रही भीड़ सफेद, रंगीन और पीला मैसूर जैसे कोसे बीज बने आकर्षण का केंद्र रेशम कीड़े को देखने बच्चे दिखा रहे विशेष रूचि
रेशम उत्पादन की प्रक्रिया समझने उमड़ रही भीड़
सफेद, रंगीन और पीला मैसूर जैसे कोसे बीज बने आकर्षण का केंद्र
रेशम कीड़े को देखने बच्चे दिखा रहे विशेष रूचि
रायपुर खबर योद्धा विद्या भूषण दुबे ।। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राज्योत्सव-2024 में ग्रामोद्योग विकास विभाग द्वारा शिल्पग्राम में लगाए गए स्टॉल में रेशम उत्पादन की प्रक्रिया समझने और रेशम की खेती के लिए किसानों और आमनागरिक बड़ी संख्या में ठहर रहे| विभागीय स्टॉल में प्राकृतिक स्वरुप में रेशम के कीड़ों को देखने के लिए हरल वर्ग के लोगों में विशेषकर बच्चे विशेष रूचि दिखा रहे| इस अवसर पर स्टॉल में तरह-तरह के रेशम बीजों का भी प्रदर्शन किया गया है, जिनमें विशेष रूप से मलबरी सफेद कोया, मलबरी रंगीन कोया, मलबरी पीला मैसूर, मलबरी सफेद रिल्ड, टसर स्पन धागा, टसर बाना धागा, डाबा पालित कोसा एवं रैली साबू बीजों को प्रदर्शित किया गया है| जिनसे कोसा सिल्क, मलबरी सिल्क, बनारसी, कांजीवरम की साड़ियां बनाई जाती हैं|
विभागीय स्टाल में आए किसानों और आमजनों ने ग्रामोद्योग विकास विभाग की योजनाओं के बारे में भी विस्तृत जानकारियां ली| गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ कोसा उत्पादन एवं कोसा वस्त्र निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में प्रगति कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में वन आधारित ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के संकल्प को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ टसर उत्पादन के क्षेत्र में परम्परागत रूप से विशिष्ट स्थान रखता है। रेशम प्रभाग के योजनाओं के जरिए ग्रामीण अंचल में निवासरत जरूरतमंद परिवारों को रोजगार, स्व-रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं।
टसर रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम, पालित डाबा टसर ककून उत्पादन योजना, नैसर्गिक बीज प्रगुणन एवं कोसा उत्पादन योजना, टसर धागाकरण जैसी योजनाओं का संचालन कर मलबरी रेशम विकास एवं विस्तार कार्यक्रम लघु निर्माण अंतर्गत रेशम एवं टसर केंद्र में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
इस अवसर पर स्टॉल में आए लोगों ने निजी क्षेत्र में एक एकड़ शहतूत पौधरोपण एवं कीटपालन को बढ़ावा देने के लिए संचालित नवीन शहतूत रेशम बाड़ी योजना के बारे में भी जाना। प्रदेश में शहतूत रेशम को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण क्षेत्र में रेशम पालन के जरिए स्थायी रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से निजी क्षेत्र के लघु एवं सीमांत किसानों के लिए एक एकड़ शहतूत पौधरोपण एवं कीटपालन के लिए नवीन योजना शहतूत रेशम बाड़ी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत शहतूत का पौधरोपण एवं संधारण, कीटपालन भवन एवं उपकरण और सिंचाई सुविधा के अंतर्गत उपकरण के लिए सहायता राशि प्रदान किया जाएगा, जिससे कृषक शहतूती रेशम उद्योग की स्थापना कर एवं अपने जीविकोपार्जन के लिए स्थायी रोजगार कर सके।