सीएम विष्णुदेव साय रथयात्रा में हुए शामिल, सोने की झाड़ू से निभाई छेरापहरा की रस्म…

सीएम विष्णुदेव साय रथयात्रा में हुए शामिल, सोने की झाड़ू से निभाई छेरापहरा की रस्म…
मुख्यमंत्री साय ने सोने की झाड़ू से मार्ग बुहारकर रथ यात्रा का शुभारंभ किया, जो पुरी की तर्ज पर आयोजित इस उत्सव की प्रमुख परंपरा है
रायपुर खबर योद्धा विद्या भूषण दुबे।। राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में आज महाप्रभु श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और पारंपरिक छेरापहरा की रस्म निभाई। मुख्यमंत्री साय ने सोने की झाड़ू से मार्ग बुहारकर रथ यात्रा का शुभारंभ किया, जो पुरी की तर्ज पर आयोजित इस उत्सव की प्रमुख परंपरा है।
मुख्यमंत्री साय ने विशेष विधि-विधान के साथ भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमाओं को मंदिर से रथ तक ले जाकर विराजित किया। छेरापहरा की रस्म के तहत उन्होंने सोने की झाड़ू से रथ के मार्ग को स्वच्छ किया। यह परंपरा उत्कल और दक्षिण कोसल की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक मानी जाती है। रथ यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, और माहौल भक्ति-भाव से सराबोर रहा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रथ यात्रा की बधाई देते हुए कहा, यह पर्व ओडिशा के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। भगवान जगन्नाथ किसानों के रक्षक हैं, उनकी कृपा से अच्छी वर्षा होती है और किसानों के घर समृद्धि आती है। मैं प्रार्थना करता हूं कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ में भरपूर फसल हो और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा हमें शांति व खुशहाली की ओर ले जाएं।
रथ यात्रा के आयोजन में ओडिशा की पुरी रथ यात्रा की झलक देखने को मिली। मंदिर के पुजारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के शिवरीनारायण तीर्थ को भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान माना जाता है, जहां से वे जगन्नाथ पुरी में स्थापित हुए। शिवरीनारायण में त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने माता शबरी के बेर ग्रहण किए थे, और वहां नर-नारायण का भव्य मंदिर स्थापित है। यह उत्सव उत्कल और दक्षिण कोसल की संस्कृति के बीच गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। रथ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ के जयकारों के साथ रथ को खींचा और भक्ति में लीन रहे।