कबीरधाम जिले के 383559 बच्चो को एलबेंडाजोल की खुराक दी जाएगी कृमि मुक्ति दिवस पर सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों व किशोरों को दी जाएगी दवा
कबीरधाम जिले के 383559 बच्चो को एलबेंडाजोल की खुराक दी जाएगी
कृमि मुक्ति दिवस पर सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों व किशोरों को दी जाएगी दवा
कवर्धा खबर योद्धा।। कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को शत प्रतिशत एलबेंडाजोल की खुराक के देने निर्देश दिए है। बच्चों में बढ़ते कुपोषण की रोकथाम शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 29 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। कार्यक्रम के तहत 1 से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को आंगनबाड़ी केंद्रों सरकारी व निजी विद्यालयों में , एलबेन्डाजोल गोली (पेट के कीड़े मारने की दवा) निशुल्क खिलाई जाएगी। इसके बाद 04 सितंबर को मॉप अप दिवस आयोजित किया जाएगा, जिसमे 29 अगस्त को टैबलेट नही खा पाने वाले छूटे हुए बच्चों को एलबेंडाजोल गोली खिलाई जाएगी।
सीएमएचओ डॉ बी एल राज ने बैठक में बताया कि जिले के 383559 बच्चों को डिवार्मिंग गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में 1 से 2 वर्ष तक के बच्चे को ऐल्बेण्डाजोल 400 एमजी की आधी गोली को दो चम्मच के बीच में रखकर चूरा करके स्वच्छ पीने के पानी में घोलकर पिलाई जाएगी और 2 से 19 साल के बच्चे को 1 गोली चबाकर खाने को दी जाएगी। जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं उन्हें भी आंगनबाड़ी केन्द्रों के मार्फत दवा खिलाई जाएगी।
जिला कार्यक्रम प्रबंधन श्रीमती अनुपमा तिवारी ने बताया कि इस अभियान के तहत सभी बच्चों को एलबंडाजोल की खुराक देने के लिए कार्ययोजना अनुरूप मितानिन, ऑगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य अमले को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अभियान में शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उक्त बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जिला पंचायत), सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) एवं अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
कृमि नाशक दवा पूर्णत सुरक्षित:- सीएमएचओ डॉ राज
सीएमएचओ डॉ बीएल राज ने बैठक में बताया कि यह दवा पूर्णत: सुरक्षित है। जो बच्चे स्वस्थ दिखें उन्हें भी ये खिलाई जानी है,क्योंकि कृमि संक्रमण का प्रभाव कई बार बहुत वर्षों बाद स्पष्ट दिखाई देता है। दवा से पेट के कीड़े मरते हैं इसलिए कुछ बच्चों में जी मिचलाना उल्टी या पेट दर्द जैसे सामान्य छुट पुट लक्षण हो सकते हैं, लेकिन ये सामान्य व अस्थाई हैं। जिन्हें आंगनबाड़ी व विद्यालय में संभाला जा सकता है। सामान्य बीमार बच्चों को भी दवा दी जा सकती है।
दवा लेने के बाद कृमिमुक्त हो जाते है जिससे अच्छे से भूख लगती है खून की कमी दूर होती है। पढ़ने मे मन लगता है शरीर में उर्जा महसूस होती है । बौद्धिक क्षमता बढती है। 1 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों के लिए अत्यंत ही लाभकारी कार्यक्रम है।
खुले में नहीं करें शौच
कृमि संक्रमण से बचाव के लिए खुली जगह में शौच नहीं करना चाहिए। खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए और फलों और सब्जियों को खाने से पहले पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। नाखून साफ व छोटे रहें साफ पानी पीएं खाना ढक कर रखें और नंगे पांव बाहर ना खेलें और जूते पहनकर रखें।