जिला सरकारी अस्पताल राशि के आभाव मे मरीजों को वार्डों मे नही दे पा रहे है जरूरी सुविधाएं
जिला सरकारी अस्पताल राशि के आभाव मे मरीजों को वार्डों मे नही दे पा रहे है जरूरी सुविधाएं
रमेश निवल बालू राजनांदगाव खबर योद्धा ।। सरकार किसी भी दल का हो सरकारी सुविधाएं सिर्फ नेता व अफसरों के लिए नही उस पर आम जनता का भी हक है , मगर हमे अपना हक लेने फुर्सत नही है , या हम दिखावे मेअपने मेहनत की कमाई को लकझरी प्राईवेट अस्पतालों मे महगे ईलाज मे गवा कर कर्ज के गुलाम बन जाते है ,यही वजह है , हम सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों मे जो सुविधाएं मुहय्या कराती है , उसका हम लाभ नही उठा पाते ,जिला मुख्यालय राजनांदगांव बसंतपुर स्थित सरकारी अस्पताल जहाँ पूर्व सरकार के समय 100 बिस्तर हॉस्पिटल तो था मगर सुविधाएं नही था जनरल वार्ड हो प्राईवेट वार्ड मे पाईप लाईन फिटीगं मे गड़बड़ी के नलो पर पानी का संकट के वजह से उक्त नए अस्पताल बिल्डिंग का लाभ से मरीजों को वंचित होना पड़ता था इस समस्या को आम आदमी कभी जनप्रतिनिधियों व अफसरों के बीच रखने का हिम्मत हीं दिखाते यही वजह है ,मरीज सुविधाओं का कमी देख निजी अस्पतालों मे ईलाज के लिए जाने मजबूर होना पड़ता है , वर्षों बाद वर्तमान मे बंसतपुर नई बिल्डिंग मेअस्पताल चालू हो चुका है,मगर आज भी फंड के आभाव मे सुविधाओं की कमी है,
जनप्रतिनिधियों के पास इन सरकारी अस्पतालों के बिगड़े व्यवस्था देखने के लिए समय नही
प्रबुद्धजनों का माने तो चुनाव के समय आम जनता के समस्याओं को दूर करने का दम भरने वाले सत्ता दल के चुने हुए जनप्रतिनिधि हो नेता विपक्ष के विधायक भी कभी सरकारी अस्पतालों के व्यवस्था पर झाकने का फुर्सत नही इन्हे इस बात का मतलब नही शासन से जो राशि स्वास्थ व अन्य विभागों को दिया जाता है, उनका लाभ आम गरीब जनता के मिल रहा है , येअलग बात है , संकृतिक व राजनीतिक सामाजिक आयोजन के लिए इनके पास पर्याप्त समय होता है ।शासन द्वारा महगी दवाएं टेस्ट मशीनों का तो सरकारी अस्पताल मे मुहैया कर देते है ,मगर मरीजों को क्या इन सुविधा का लाभ मिल रहा है, या नही इस बात का परवाह नेताओ को नही होता है।
सरकारी अस्पताल मे वर्षों बाद सिविल सर्जन के मेहनत से व्यवस्था मे आया है सुधार
जानकारी के अनुसार पूर्व मे बसंतपुर सरकारी अस्पताल मे जिस तरह गंदगी का आलम था व किसी से छिपा नही है, मरीजो को दिए जाने वाले भोजन मे क्वालिटी की कमी रहता था, वार्डो की साफ सफाई पर जवाबदार मेडिकलअफसर कभी ध्यान नहीं देते थे, वर्तमान मे जानकारी है , यहां सिविल सर्जन द्वारा हर रोज साफ सफाई व मरीजों के व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाता है, स्वास्थ कर्मचारियों से लेकर सफाई कर्मी भी अपने डियुटी को बखूबी निभा रहे है ,छोटे बड़े कर्मचारी सक्ते मे आ गए है, बाहर से ईलाज के लिए आए मरीज व उनके परिजन इस साफ सुथरी व्यवस्था से राहत महसूस कर है,
जनप्रतिनिधि अपने निधि का एक चौथाई हिस्सा भीअस्पतालों को दे तो सुविधा बेहतर होगा
प्राईवेट वार्ड व जनरल वार्ड मे जीवन दीप के फंड से छोटे कार्य तो करा लिए जाते है ,मगर बड़े कार्य राशि के आभाव के चलते अधुरा है ,आमजनो का मत है ,सांसद विधायक मंत्री अक्सर अपने निधि का राशि ग्रामीण क्षेत्र के दौरे के समय सी.सी.रोड.कलामंच स्वागत द्वार जैसे कार्यो के लिए दिल खोल कर राशि जारी करते है, अगर यही राशि स्वास्थ व सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिए अपने निधि का एक चौथाई हिस्सा भी सरकारी अस्पतालों के व्यवस्था के लिए देते तो निजी अस्पतालों से बेहतर सरकारी अस्पताल का होता अफसोस है चुने हुए जनप्रतिनीधि जरूरी सुविधाओं का नही रखते ख्याल है जो चिंता का विषय है।