योग हमें वृद्ध नहीं होने देता, अयोग्य को योग्य करने की क्षमता योग में होती है – डॉ वर्णिका
रायपुर खबर योद्धा।। मन मस्तिष्क के विकार और शारीरिक कमजोरी को दूर करने का सशक्त माध्यम योग है। हमें अपने भीतर बाल मन रखना चाहिए क्योंकि बाल मन स्वच्छ होने के साथ साथ दैविक दैविक भौतिक तापा को चरितार्थ करता है । बाल मन सबसे सुंदर योग का ही एक रूप है और योग हमें कभी वृद्ध नहीं होने देता।

उक्त उद्गार डॉ वर्णिका शर्मा अध्यक्ष राज्य बाल संरक्षण आयोग (राज्य मंत्री दर्जा) के हैं। डॉ वर्णिका कमल विहार स्थित परम जीवनम् फाउंडेशन द्वारा आयोजित योगासन कला प्रदर्शन एवं सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थी। उन्होंने फिल्मी गाने के अंदाज़ में कहा कि अस्वस्थ स्पर्धा इंसान को नीचे की ओर ले जाता है जबकि सभी विकारों और लाख दुखों की एक दवा है योग काहे घबराए।

इस अवसर पर डॉ वर्णिका शर्मा और कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि एम्स की प्रोफेसर डॉ मनीषा सिन्हा , महेश तिवारी प्राचार्य आत्मानंद स्कूल और योग गुरु चूड़ामणि के द्वारा योग में 35 मिनट तक निरंतर सूर्य नमस्कार करने वाली मीना बघेल , 25 मिनट तक गोमुखासन करने वाली ज्योति साहू , अशोक साहू अजय सेठ और अनीता को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
डॉ शर्मा ने कहा की शारीरिक अयोग्य को योग्य करने की क्षमता योग में होती है, उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छ प्रतिस्पर्धा सुंदर योग स्वच्छ मन ऐसे उदाहरण हैं जो हिम्मत नहीं हारने की ताकत रखने वाले होते हैं। उन्होंने योग का व्यापक प्रचार प्रसार करने और स्कूली बच्चों को जानकारी देने के लिए भी अपील की उन्होंने कहा बच्चे बाल मन से पढ़ाई लिखाई खेलकूद मस्ती करते हैं इसीलिए योग का प्रतिरूप होते हैं।
डॉ शर्मा ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि परम जीवन भवन में 7 से लेकर 77 वर्ष के लोग योग कर रहे हैं और अपने शरीर को लचीला बनाए हुए हैं । उन्होंने परम जीवनम योग कक्ष को हमेशा जीवंत बनाए रखने की भी अपील की। कार्यक्रम का संचालन विद्याभूषण दुबे ने और आभार प्रदर्शन ज्योति साहू ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पर्यावरण प्रेमी संगठन के संस्थापक आर डी दहिया, आर आर वैष्णव आदि ने योगदान दिया।
