March 12, 2025

85 फर्जी सिम से 14 लाख की हुई ठगी, साइबर ठगों पर हुई कार्यवाही 

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85 फर्जी सिम से 14 लाख की हुई ठगी, साइबर ठगों पर हुई कार्यवाही 

कवर्धा खबर योद्धा।। कबीरधाम पुलिस ने साइबर अपराध पर कड़ा वार करते हुए फर्जी सिम कार्ड जारी कर ठगी को बढ़ावा देने वाले दो एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया है। इन अभियानों में साइबर ठगों को फर्जी सिम उपलब्ध करा कर विभिन्न राज्यों में ऑनलाइन धोखाधड़ी, बैंकिंग फ्रॉड, फिशिंग, और सोशल मीडिया ब्लैकमेलिंग जैसे अपराध किए जा रहे थे। पुलिस ने इन एजेंटों के कब्जे से 85 फर्जी सिम कार्डों के प्रमाण जुटाए, जिनका उपयोग देशभर में कुल ₹14.18 लाख की ठगी में किया गया।

 

मुखबिर की सूचना और पुलिस की सटीक कार्रवाई

महानिरीक्षक दीपक कुमार झा के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक विशेष साइबर सेल टीम गठित की गई। गहन जांच में यह खुलासा हुआ कि कबीरधाम जिले में कुछ मोबाइल एजेंट अवैध दस्तावेजों के आधार पर फर्जी सिम जारी कर साइबर ठगों को बेच रहे थे। तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी के आधार पर इन एजेंटों की गतिविधियों पर नजर रखी गई और घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया गया।

 

आरोपी की पहचान और फर्जी सिम का विवरण

 

गिरफ्तार एजेंटों की पहचान भूपेंद्र जोशी (एजेंट कोड 40751994BHUPOSHI) और दुष्यंत जोशी (एजेंट कोड 61271998DUSHOSHI) के रूप में हुई है। ये दोनों सगे भाई हैं, मूलतः ग्राम इंदौरी, थाना पिपरिया, जिला कबीरधाम के रहने वाले हैं, पर वर्तमान में ज्योतिबा फुले वार्ड, कवर्धा में निवास कर रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि भूपेंद्र जोशी ने 48 फर्जी सिम कार्ड और दुष्यंत जोशी ने 37 फर्जी सिम कार्ड जारी किए। इनमें से 20 सिम कार्डों का उपयोग विभिन्न राज्यों में 45 साइबर अपराध मामलों में किया गया।

 

 

फर्जीवाड़े का खेल

इन एजेंटों की कार्यप्रणाली बेहद संगठित रही। ग्राहक के नाम पर वैध सिम जारी कर, फर्जी सिम अपने पास रख लेना और बल्क में साइबर ठगों को बेचना उनका तरीका था। ये फर्जी सिम कार्ड बैंकिंग फ्रॉड (OTP चोरी, फिशिंग), सोशल मीडिया ब्लैकमेलिंग, वॉलेट हैकिंग और कॉल स्पूफिंग में इस्तेमाल हो रहे हैं।

तकनीकी जांच से जुड़ी जानकारी

नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCCRP) एवं JCCT/JMIS पोर्टल से प्राप्त जानकारी के आधार पर, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) विश्लेषण में पता चला कि ये 85 फर्जी सिम कार्ड छत्तीसगढ़ में सक्रिय हैं, जबकि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में साइबर ठगी के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। टावर लोकेशन से खुलासा हुआ कि ये सभी नंबर एक ही स्थान से सक्रिय किए गए, जिससे संगठित अपराध की पुष्टि हुई। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने इन नंबरों को साइबर अपराध में लिप्त पाते हुए ब्लॉक कर दिया है।

 

कबीरधाम पुलिस ने थाना कवर्धा में अपराध क्रमांक 91/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 61(2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(सी) के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया, “साइबर ठगी से आम नागरिकों को बचाने के लिए हम पूरी तरह सतर्क हैं। फर्जी सिम के जरिए तस्करों का नेटवर्क तैयार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने नागरिकों से अपील की कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

कबीरधाम पुलिस का यह शिकंजा साइबर अपराधियों को जड़ से खत्म करने के संकल्प का प्रतीक है। यह मामला केवल शुरुआत है – आगे भी इस नेटवर्क के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने के लिए पुलिस की यह कदम साइबर अपराध के खिलाफ कड़े संदेश के रूप में सामने आया है।।

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जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

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