भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र में वन्य प्राणी के लिए 8 से अधिक जगह की गई पानी की व्यवस्था

वन्य प्राणी की सुरक्षा को लेकर विभाग अलर्ट
भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र में वन्य प्राणी के लिए 8 से अधिक जगह की गई पानी की व्यवस्था
ट्रैप कैमरे से रखी जा रही नजर
कवर्धा खबर योद्धा।। भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र मेंकल पर्वतों की श्रृंखला से जुड़ा हुआ है और यहां अनेक प्रकार के वन्य जीव भी देखने के लिए मिलते हैं वर्तमान समय में वन्यजीवों के लिए जहां वन विभाग के द्वारा पानी की व्यवस्था की जा रही है तो इसके साथ ही 8 से अधिक जगह पर पानी की व्यवस्था भी की गई है ।

वर्तमान समय में जंगलों में मानव दबाव कम होने के कारण वन्य प्राणी बस्तियों की ओर रूख करते हैं, इसे लेकर वन विभाग कवर्धा ने लोगों को अपील करते हुए वन्य प्राणियों की जानकारी मिलने पर इसकी सूचना तत्काल कवर्धा वन विभाग या संबंधित थाने सहित, रेंज ऑफिस में देने के लिए अपील की है। वहीं भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र में 8 से अधिक जगह वन्य प्राणियों के लिए अस्थाई रूप से पानी की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्राकृतिक रूप से बह रहे पानी की भी साफ सफाई की जा रही है, जिससे वन्य प्राणियों को स्वच्छ पानी उपलब्ध हो सके तथा टंकियों में भी पानी भरकर रखा जा रहा है।
इसके साथ ही समय-समय पर इस पानी टंकी की सफाई भी विभाग के द्वारा कराई जा रही है। वहीं पानी टैंकर का उपयोग कर पानी की व्यवस्था की जा रही है । इससे वन्यप्राणियों को पानी के लिए न भटकना पड़े और उन्हें वनांचल क्षेत्रों में ही पानी की उपलब्धता हो सके। वन विभाग के द्वारा वन्य प्राणियों की देखभाल के लिए विशेष पहल भी किया गया है। इसके साथ ही ऐसे जगह को चिन्हाकिंत कर पानी की व्यवस्था की गई है जहां ज्यादातर वन्य जीवों की चहलकदमी बनी रहती है। वनांचल क्षेत्रों में जहां गतिविधियां बढ़ा दी गई है वहीं ट्रैप कैमरे का भी उपयोग कर वन्य प्राणियों पर नजर रखा जा रहा है तथा वन्य प्राणियों के लिए पानी की व्यवस्था बनाए रखने पानी टैंकर का भी उपयोग किया जा रहा है।
क्षेत्र में 100 से अधिक प्रजातियां
भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र में अनेक प्रकार के वन्य जीव विचरण करते देखे जा सकते हैं। इस क्षेत्र में बाघ, तेंदुआ, मोर, कोयल, खरगोश, हिरण, मैना, तोता, भालू, जंगली सूअर, बायसन, वनभैंसा सहित अनेक प्रकार के वन्यजीव यहां निवास करते हैं। कबीरधाम जिले में सौ से अधिक प्रकार की पक्षियों की प्रजातियां भी पाई जाती है। इसके साथ ही वनांचल क्षेत्रो में ऐसे स्थानों को चयन कर वन्यप्राणियों की सुरक्षा को लेकर ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं जहां वन्यप्राणियों की मौजूदगी ज्यादातर बनी रहती है।
वर्सन-
वर्तमान में वनांचल क्षेत्रों में मानव दबाव कम होने के कारण वन्यप्राणी अगर कहीं बस्तियों की ओर रूख करते हैं तो इसकी जानकारी तत्काल ही वन विभाग, रेंज ऑफिस या फिर तत्काल संबंधित थाने को दी जाए, जिससें होने वाली हानि से बचा जा सकता है। वहीं वन्यप्राणियों के लिए वनांचल क्षेत्रों में प्राकृतिक स्रोत से मिलने वाले जलों को जहां स्वच्छ किया जा गया है। अस्थाई रूप से भी पानी की व्यवस्था वन्यप्राणियों के लिए की गई है।
निखिल अग्रवाल, वनमंडलाधिकारी, कबीरधाम
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भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र में 8 से अधिक जगह अस्थाई रूप से वन्यप्राणियों के लिए पानी की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्राकृतिक जल स्रोतों को भी स्वच्छ किया जा रहा है, जिससे वन्यप्राणियों को वनांचल क्षेत्रो में ही पानी की उपलब्धता हो सके।
दिलीप सिंह ठाकुर भोरमदेव अभयारण्य क्षेत्र अधिकारी कवर्धा