भगवान बिरसा मुंडा के योगदान के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है जनजातीय गौरव दिवस : भावना बोहरा
आदिवासी अस्मिता और देश के स्वाभिमान के सर्वमान्य प्रतीक पुरुष है भगवान बिरसा मुंडा – भावना बोहरा
- भगवान बिरसा मुंडा के योगदान के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है जनजातीय गौरव दिवस : भावना बोहरा
कवर्धा खबर योद्धा ।। आज पूरा भारतवर्ष स्वतंत्रता संग्राम और जनजाति समाज के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले एवं ब्रिटिश हुकूमत की जड़ों को झकझोरने वाले, जल- जंगल- जमीन की रक्षा के लिए “उलगुलान” करने वाले, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती एवं जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। इस अवसर पर पंडरिया विधायक भावना बोहरा कवर्धा के पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस 2024 में शामिल हुईं और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुईं।
इस अवसर पर भावना बोहरा ने कहा कि आज धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती है जिसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के पहल से पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रहा है। यह दिवस भगवान बिरसा मुंडा जी के योगदान एवं हमारे जनजातीय समुदाय द्वारा प्रकृति की रक्षा एवं आदिवासी परंपरा को सहेजने हेतु कृतज्ञता व्यक्त करने का दिवस है। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी ने जनजातीय समाज को मातृभूमि और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रेरित किया। आदिवासी अस्मिता से खिलवाड़ करने वाली अंग्रेजी हुकूमत को उन्होंने कड़ी चुनौती दी और स्वाधीनता सेनानियों के आत्मबल को मजबूत किया। धरती आबा के त्याग, वीरता और पराक्रम के संस्मरण हेतु देश भर में मनाये जा रहे ‘जनजातीय गौरव दिवस’ की मैं सभी को शुभकामनाएं देती हूँ और भगवान बिरसा मुंडा जी कृतज्ञतापूर्वक नमन करती हूँ।
उन्होंने आगे कहा कि भारत का जनजातीय समाज अपनी पारम्परिक विशेषता के लिए पहचाना जाता है । इस समाज में मौखिक शिक्षा की परम्परा रही है। अपनी सभ्यता संस्कृति और सहजता की विशिष्टता लिए यह समाज विश्व स्तर में अलग पहचान बनाए हुए हैं। वर्तमान भारत के निर्माण में भारतीय जनजातीय समाज ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। अतीत से लेकर वर्तमान तक हमारे जनजातीय समाज के भाई-बहनों का गौरवशाली इतिहास है। इन्होने अपनी कर्मठता, सहजता, सरलता और सत्य निष्ठा के लिए विश्व में ख्याति अर्जित की है । प्रकृति के साथ जीवन जीते इस समाज ने प्रकृति से प्राप्त औषधियों तथा उसके संरक्षण के लिए जो भी कदम उठाएं हैं वह अतुलनीय है। ज्ञान का अतुलनीय भण्डार लिए आदिवासी समाज का देश की उन्नति में विशिष्ट योगदान दे रहें हैं। उनके इसी योगदान को सम्मान देने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की जो पहल की है वह सराहनीय है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में भगवान बिरसा मुंडा के सपने साकार हो रहे हैं। आदिवासी समाज की संस्कृति और अस्मिता को नई पहचान मिल रही है। आदिवासी समाज का गौरव पुनः प्रतिस्थापित हो रहा है।
भावना बोहरा ने आगे कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जनजातीय गौरव के इस उत्सव के अवसर पर जनजातीय समाज के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का अनावरण किया। जनजातीय समुदायों के उत्थान और क्षेत्र के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार के उद्देश्य से 6,640 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी ने इस अवसर पर विभिन्न विकास परियोजनाओं को भी मंजूरी दी, जिनमें पीएम जनमन के तहत लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत वाले 25,000 नए आवास और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) के तहत 1960 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 1.16 लाख आवास, पीएम जनमन के तहत 66 छात्रावास और डीएजेजीयूए के तहत 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 304 छात्रावास, पीएम जनमन के तहत 50 नए बहुउद्देश्यीय केंद्र, 55 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स और 65 आंगनवाड़ी केंद्र, सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए 6 सक्षमता केंद्र (सेंटर ऑफ कॉम्पिटेंसी) और डीएजेजीयूए के तहत आश्रम स्कूलों, छात्रावासों, सरकारी आवासीय स्कूलों के उन्नयन के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये की 330 परियोजनाएं शामिल हैं साथ ही आदिवासी बाहुल्य क्षत्रों में बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव उपवन का निर्माण किया जाएगा जहाँ हजारों की संख्या में वृक्ष लगाए जाएंगे। यह सभी विकास कार्य जनजातीय समुदाय के हमारे भाई-बहनों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आयेंगे।
आज हमारे छत्तीसगढ़ में भी आदिवासी समाज से आने वाले माननीय विष्णु देव साय जी प्रदेश के मुखिया के रूप में आदिवासी समाज के कल्याण हेतु कार्य कर रहें हैं। हमारे पंडरिया विधानसभा के अंतर्गत भी कुई-कुकदुर जैसे वनांचल क्षेत्र में निवासरत आदिवासी समुदाय को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए भी अथक प्रयास किये जा रहें हैं। पीएम जनमन योजना के माध्यम से लगभग 33 करोड़ की लागत से 16 डामरीकृत सड़कों के निर्माण को स्वीकृति दी गई है इसके साथ ही पंडरिया विधानसभा के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में निवासरत परिवारों के लिए बड़ी संख्या में जनमन योजना के तहत आवासों की स्वीकृति भी दी गई है। यह विकास कार्य हमारे जनजातीय समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम करेगी। उनतक बेहतर सुविधाएं पहुंचाने के लिए एक सेतु होगा जो सुगम आवागमन उपलब्ध कराएगा। छत्तीसगढ़ की डबल इंजन सरकार माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर के माओवादी आतंक से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक तरफ सुरक्षा कैंपों की सख्या बढ़ायी जा रही है। वहीं सुरक्षा कैंपों के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए नियद् नेल्लानार जैसी नवाचारी योजनाओं की शुरूआत की गई है। आदिवासियों की आय में वृद्धि और उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। राज्य सरकार ने तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक दर प्रतिमानक बोरा 4000 से बढ़ाकर 5500 रूपए कर दिया है। इससे लगभग 13 लाख जनजाति परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री जनमन योजना में पक्के घर का प्रावधान, पक्की सड़क, नल से जल, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पोषण-आहार जैसे कार्यों का क्रियान्वयन हो रहा है। आज हमारे देश व प्रदेश में निवासरत जनजातीय समुदाय विकास की मुख्यधारा से जुड़कर विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान दे रहे है।