छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में विराजमान है मूंछ वाले श्री रामचंद्र जी रामनवमी पर स्पेशल रिपोर्टिंग , राम राम जय राजा राम

छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में विराजमान है मूंछ वाले श्री रामचंद्र जी
रामनवमी पर स्पेशल रिपोर्टिंग , राम राम जय राजा राम
कवर्धा खबर योद्धा ।। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के अंतर्गत विकासखंड पंडरिया में श्री रामचंद्र जी का एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान श्री राम जी के प्रतिमा में मूंछ बनी हुई है । यह मंदिर 200 सौ वर्ष से भी ज्यादा पुराना बताया जा रहा है । भगवान राम और माता सीता की कई मूर्तियां आप सभी ने देखी होंगी । लेकिन छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में श्री राम की एक ऐसी अनोखी प्रतिमा है जिसके बारे में शायद ही आपने सुना होगा । आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर की विशेषता ।
कवर्धा जिले के पंडरिया में भगवान श्रीराम की दुर्लभ प्रतिमा स्थापित है । यहां भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण और माता जानकी के साथ तकरीबन 200 सौ वर्ष से भी पुरानी प्रतिमा विराजमान है ।
यह केवल एक सुंदर प्रतिमा नहीं है, इसमें भगवान राम और लक्ष्मण जी की मूंछे हैं, जो उनकी प्रतिमा को दूसरे जगह की प्रतिमा से अलग करती है. बेहद खुबसूरत इस प्रतिमा के जैसे दूसरी प्रतिमा पूरे प्रदेश में कहीं नहीं है । यह अपने आप में अद्भूत है, जिसे देखने के बाद नजर नहीं हटती है।
पंडरिया के श्रीराम-जानकी जमात मंदिर को लेकर सही-सही कोई जानकारी नहीं है। फिर भी लोगों का कहना है कि यह मंदिर 200 से 300 साल पुराना है। यहां भगवान की नयनाभिराम मूर्ति स्थापित है, जिसमें उनकी मूंछे हैं, जो कहीं और नहीं दिखाई देती है इस मंदिर से लोगों की अपार श्रद्वा और आस्था जुड़ी हुई है।
200 सौ वर्ष से भी पुराना मंदिर जो 165 फीट ऊंची भव्य संरचना
यह पूर्वाभिमुख ईंटों से निर्मित मंदिर लगभग 200 वर्ष से ज्यादा पुराना है, जिसका निर्माण 18 वीं सदी में वैष्णव संप्रदाय द्वारा कराया गया था। मंदिर की ऊंचाई 165 फीट है और इसका गर्भगृह पत्थरों से तराशा गया है। प्रवेश द्वार पर सुंदर द्वारपाल प्रतिमाएं हैं जो ग्रेनाइट से निर्मित हैं — इनका सौंदर्य देखते ही बनता है।
मंदिर परिसर में शिव मंदिर, श्री राधे-कृष्ण, हनुमान जी और भगवान चित्रगुप्त का भी मंदिर स्थित हैं। दो अलग चबूतरों पर श्रीराम और माता जानकी के चरण चिन्ह भी अंकित हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था का केंद्र हैं।