अष्टभुजी माँ दुर्गा के अनोखे स्वागत ने भक्तों को किया भावविभोर
अष्टभुजी माँ दुर्गा के अनोखे स्वागत ने भक्तों को किया भावविभोर
कवर्धा खबर योद्धा ।। – शारदीय नवरात्र का आगमन जिले में अद्वितीय उल्लास और श्रद्धा के साथ हुआ। यूनियन दुर्गोत्सव समिति द्वारा इस वर्ष माँ दुर्गा के अष्टभुजी स्वरूप को विशेष रूप से विराजमान किया गया, जिसका भव्य और अनोखा स्वागत शहरभर में चर्चा का विषय बन गया है। माँ के वाहन को कोल्ड पायरो से सुसज्जित किया गया, जिसकी चमक ने न सिर्फ भक्तों का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि शहर को भी एक अद्वितीय आध्यात्मिक आभा से भर दिया। इस प्रकार के अद्वितीय स्वागत समारोह ने कबीरधाम की धार्मिक परंपराओं में एक नया अध्याय जोड़ा है।
माँ दुर्गा के अष्टभुजी रूप का महत्व
माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों में अष्टभुजी रूप विशेष महत्ता रखता है। अष्टभुजी माँ दुर्गा आठ भुजाओं वाली देवी हैं, जो शक्ति, समर्पण, और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती हैं। अष्टभुजी माँ के हाथों में शस्त्र और आशीर्वाद देने के संकेत होते हैं, जो भक्तों को साहस और सुरक्षा प्रदान करते हैं। शास्त्रों के अनुसार माँ दुर्गा के इस रूप की पूजा से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति का वास होता है। इस बार जिले में पहली बार अष्टभुजी माँ की प्रतिमा को विराजित कर उनका स्वागत किया गया, जिसने भक्तों के दिलों में विशेष धार्मिक भावना का संचार किया।
भव्य झाँकी और अलौकिक सजावट
यूनियन दुर्गोत्सव समिति द्वारा इस बार माँ दुर्गा के वाहन को विशेष रूप से कोल्ड पायरो से सजाया गया, जिसने झाँकी को और भी भव्य बना दिया। जैसे ही माँ की झाँकी शहर के मुख्य मार्गों से गुजरी, पूरे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह हो गया। हजारों भक्तों ने सड़कों पर आकर माँ के दर्शन किए और जयकारों के साथ माँ का स्वागत किया। ढोल-नगाड़ों की गूंज, घंटियों की ध्वनि, और माँ के भव्य स्वरूप ने भक्तों को भावविभोर कर दिया। श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा करते हुए माँ का अभिनंदन किया, और नवरात्र के इन पावन दिनों में माँ की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा-अर्चना की।
पहली बार अष्टभुजी माँ का स्वागत
कबीरधाम जिले में यह पहला अवसर है जब माँ दुर्गा के अष्टभुजी स्वरूप को इस प्रकार से भव्यता के साथ स्थापित किया गया है। यूनियन दुर्गोत्सव समिति के इस नवाचार ने शहरवासियों को अत्यधिक प्रभावित किया है। समिति के सदस्यो ने बताया कि हम हर वर्ष नवरात्र को और विशेष बनाने के लिए नए-नए प्रयास करते हैं। इस बार माँ अष्टभुजी का स्वागत हमारी परंपराओं और आस्थाओं को और गहरा करने का एक प्रयास है। माँ के इस रूप की स्थापना से जिलेवासियों को असीम ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
माँ दुर्गा के स्वागत का भव्य आयोजन सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा में रहा। स्वागत का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया, जिसमें भक्तों की उमड़ी भीड़, माँ के वाहन की भव्य सजावट और माँ के अष्टभुजी स्वरूप का दर्शन शामिल था। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लोगों ने इस अद्वितीय आयोजन की सराहना करते हुए इसे जिले का गौरव बताया।
नवरात्र का आध्यात्मिक महत्व
नवरात्र का समय भक्तों के लिए शक्ति और भक्ति का पर्व होता है। यह पर्व माँ दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है, जो भक्तों को अपने जीवन में नई ऊर्जा और साहस प्राप्त करने का अवसर देता है। इस पर्व में माँ के नौ रूपों की पूजा होती है, और हर दिन माँ के विभिन्न स्वरूपों की आराधना का विशेष महत्व होता है। भक्तजन उपवास रखते हैं, माँ से अपने जीवन की समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हैं। अष्टभुजी माँ दुर्गा का यह स्वरूप भक्तों के लिए एक नई प्रेरणा और शक्ति का स्रोत बन गया है।