December 26, 2024

तालाब से देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है- पॉन्ड्समैन तंवर मेरी जिंदगी पानी की बूंदों से“ कार्यशाला का आयोजन

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तालाब से देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है- पॉन्ड्समैन तंवर

मेरी जिंदगी पानी की बूंदों से“ कार्यशाला का आयोजन

रायपुर खबर योद्धा।। जल संरक्षण व संवर्धन के सम्यक प्रयासों को नया आयाम देने जिला प्रशासन रायपुर के मार्गदर्शन में “मेरी जिंदगी पानी की बूंदों से“ कार्यशाला का आयोजन शहीद स्मारक भवन में किया गया। कार्यशाला में देश के ख्यातिलब्ध पर्यावरणविद् और पॉन्डमैन के नाम से मशहूर रामवीर तंवर विशेष रूप से उपस्थित थे।

 

इस कार्यशाला में भू-जल व वर्षा जल संरक्षण की दिशा में लम्बे समय से अपनी सेवाएं दे रहे जल विशेषज्ञ कुंडलेश्वर पाणिग्रही सहित शहर के भू-जल विशेषज्ञ, पर्यावरणविद् व जल संरक्षण में जुटे विभिन्न विभागों के अधिकारी- कर्मचारी व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

 

    कार्यक्रम की शुरुआत ग्रीन आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष अमिताभ दुबे के उद्बोधन से प्रारंभ हुआ। श्री दुबे ने अपने उद्बोधन में ग्रीन आर्मी के द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया साथ ही उन्होंने श्री तंवर जी के साथ काम करने के भी इच्छा जाहिर की जिसे पॉन्डमैन के नाम से मशहूर श्री तंवर ने सहर्ष स्वीकार किया।

श्री तंवर ने अपने अभियान के शुरू से लेकर वर्तमान समय तक उनके और उनके साथियों के द्वारा जल संरक्षण और जल संवर्धन के लिए किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। 

   “तंवर ने बताया कि वह अपने कुछ साथियों और स्थानीय समुदाय के सहयोग से जल संरक्षण व जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए जल चौपाल अर्थात जल के लिए बैठक का अभियान शुरू कैसे किए थे इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जल चौपाल भू-जल, जल निकासी, जल प्रदूषण, वर्षा जल संचयन, जल बजटिंग आदि जैसे आवश्यक विषयों पर चर्चा का आधार बनता है, साथ ही तालाब जीर्णोंद्धार कार्यों में आम लोगों को जोड़ने का सबसे महत्वपूर्ण सहायक कड़ी बना है। इसकी शुरूआत भी उन्होंने अपनी जन्म स्थली उत्तर प्रदेश के डाढ़ा गांव से की, बाद में डबरा, कुलीपुरा, चौगानपुर, सिरसा, रामपुर, सलेमपुर सहित उत्तर प्रदेश के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया।”

    श्री तंवर ने उपस्थित श्रोताओं के द्वारा किए गए प्रश्नों के भी जवाब दिए। सवाल जवाब की कड़ी में पर्यावरण प्रेमी विद्याभूषण दुबे ने रायपुर शहर के अमलीडीह तालाब और आमा तालाब के संबंध में प्रश्न किए । श्री दुबे ने पूछा कि अमलीडीह तालाब का स्मार्ट सिटी के द्वारा तालाब के गहरीकरण के बाद पानी रुक नहीं रहा है। तालाब में वर्षा जल को रोकने के लिए स्मार्ट सिटी को नगर निगम को और आम नागरिक को क्या करना चाहिए ? 

 इसी तरह श्री दुबे ने प्रश्न किया कि आमा तालाब में उग गए घासो को कैसे खत्म किया जा सकता है ? साथ ही उन्होंने पूछा कि तालाब में दोबारा घास लगे न उगे इसके लिए क्या करना होगा।

    श्री दुबे के द्वारा किए गए प्रश्नों का विस्तृत जवाब विषय विशेषज्ञ और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री तंवर के द्वारा दिया गया। जब श्री दुबे के प्रश्नों का उत्तर श्री तंवर दे रहे थे उसे समय स्मार्ट सिटी एमडी और नगर निगम के आयुक्त, जिला प्रशासन के अधिकारीगण विषय विशेषज्ञ के जानकार लोग भी उपस्थित थे।

    श्री तंवर ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि जल्द ही पानी का दोहन काम नहीं हुआ और तालाबों के संरक्षण और संवर्धन पर हम सभी गंभीर नहीं हुए तो वह दिन दूर नहीं जब AC और रेफ्रिजरेटर काम करना बंद कर देगा। उन्होंने यह भी बताया कि तालाब का पानी कैसे आर्थिक तौर पर लाभ पहुंचता है । उन्होंने तालाब के पानी गांव का रहन-सहन पशु पक्षियों पर आ रही आपदाओं का मनुष्यों के जीवन में क्या असर डालता है इसकी विस्तृत जानकारी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के माध्यम से दी। कार्यशाला को कलेक्टर गौरव सिंह ने भी संबोधित किया , प्रभावी मंच संचालन स्मार्ट सिटी के प्रशासनिक अधिकारी अविनाश मिश्रा ने की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी, अनेक समाजसेवी संस्था के लोग , विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी आदि उपस्थित थे । श्रोताओं ने जिला प्रशासन और नगर निगम के प्रयास की सराहना करते हुए इस तरह के कार्यशाला सतत आयोजन करते रहने की बात कही ।

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जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

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