July 22, 2025

रानीदहरा बना मौत का झरनाः 22 साल के सृजन की मौत ने फिर रुलाया…… मां 

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रानीदहरा बना मौत का झरनाः 22 साल के सृजन की मौत ने फिर रुलाया…… मां 

10 किलोमीटर दूर मिला युवक का शव , पहले भी हुई मौतें

कवर्धा – कभी शांत झरनों की कल-कल ध्वनि से मन मोह लेने वाला रानीदहरा जलप्रपात, अब कबीरधाम जिले के लिए खौफ का प्रतीक बन चुका है। रविवार को अपने दोस्तों के साथ सैर पर निकला 22 वर्षीय सृजन पाठक घर लौट नहीं सका। तेज बहाव में वह झरने के ऊपरी हिस्से से बह गया, और अगले दिन उसका निश्चल शरीर छिरपानी जलाशय में मिला ठीक 10 किलोमीटर दूर।

ये सिर्फ एक युवक की मौत नहीं, बल्कि एक परिवार का उजड़ना है। घटना के समय बहुत से पर्यटक रानीदहरा के ऊपरी झरने पर टहल रहे थे। एकाएक झरने का बहाव कुछ इस कदर बढ गया कि लोग जान बचाते हुए वहां से भाग निकले। और थोडी देर के लिए उनका मस्तिष्क भी काम करना बंद सा हो गया था। इसी बीच लहरो में सृजन फस गया और देखते ही देखते आंखो से ओझल हो गया। इस घटना क्रम मे रविवार जहां एक का शव बरामद किया गया था, वही सोमवार को 24 घंटे बीत जाने के बाद उसका शव मिला। घटनाक्रम को लेकर कबीरधाम कलेक्टर ने मृतक सृजन के दोस्त से जानकारी ली, वही उनके परिजनो से भी चर्चा की।

 

झरने की खूबसूरती में छुपा मौत खौफ

सृजन मुंगेली का रहने वाला था। दोस्तों संग घूमने आया था रानीदहरा, हंसता-खिलखिलाता चेहरा झरने की ऊंचाई पर चढ़ गया और फिर एक झटका, पानी का तेज बहाव और उसकी चीखों की गूंज। दोस्तों ने ढूंढा, पुकारा, लेकिन वो अब कहीं नहीं था। रात होते-होते पुलिस को खबर दी गई और एनडीआरएफ की टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। 24 घंटे की तलाश के बाद सोमवार को उसका शव छिरपानी जलाशय के पास मिला। उसके माता-पिता, जिन्होंने उसे हंसते हुए विदा किया था, अब शव देखने को मजबूर हैं।

 

रानीदहराः जहां उनकी चुप्पी, हर लहर चीखती है

 

क्या आप जानते हैं, बीते कई वर्षो में रानीदहरा में 8 लोगों की जान जा चुकी है। हर बार एक जैसी कहानी मौत, जांच, निर्देश फिर चुप्पी। न चेतावनी बोर्ड, न बैरिकेडिंग, न कोई ट्रेन्ड गार्ड। पर्यटक ऊपरी हिस्से तक बेरोकटोक पहुंचते हैं, फिसलन भरी चट्टानों पर चलते हैं, कोई रोकने वाला नहीं, कोई समझाने वाला नहीं। और जब हादसा हो जाता है, तब नींद से जागता है ये घटना ।

हादसे के बाद आए आदेश, गाइड लाइन जारी

सृजन की मौत के बाद कलेक्टर मौके पर पहुंचे। एनडीआरएफ को बुलाया, नगर सेनानी की टीम सर्च ऑपरेशन में लगी रही। निर्देश दिए गए शाम 5 बजे बाद एंट्री बंद हो, आगंतुकों का नाम रजिस्टर में लिखा जाए, चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, खतरनाक जगहों पर सेल्फी पर पाबंदी हो, सबकुछ लिखा गया। 

यह सिर्फ हादसा नहीं, भरोसे का टूटना है

रानीदहरा पर जाने वाला हर पर्यटक यह मानता है कि वह एक सुरक्षित स्थल पर जा रहा है। लेकिन यह हादसा बताता है कि वहां सुरक्षा नाम की कोई चीज मौजूद नहीं। ये सिर्फ सृजन की नहीं, हमारे सिस्टम की हार है।

 

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जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

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