1971 में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर देने वाले विंग कमांडर ओझा का निधन पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों के सरेंडर करने के थे गवाह

1971 में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर देने वाले विंग कमांडर ओझा का निधन

पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों के सरेंडर करने के थे गवाह

इंडियन आर्मी के मुख्यालय में लगी है तस्वीर

 

रायपुर खबर योद्धा विद्या भूषण दुबे।। विंग कमांडर एमबी ओझा 1971 के वीर सेनानी का रविवार को निधन हो गया। महादेव शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। एमबी ओझा उन्होंने भारत- पाक युद्ध में सक्रिय रूप से भाग लिया था। वे भारतीय वायु सेना में सन 1956 में कमीशन हुए थे। वर्तमान में विप रोड स्थित रायपुर के मौल श्री विहार कालोनी में निवासरत थे ।

विंग कमांडर एमबी ओझा (सेवानिवृत्ति) 1971 के जांबाज़ सैनिक थे। 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना की विजय हुई थी। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के 90 हजार सैनिकों ने जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष हथियार डालें थे। उस वक्त पर विंग कमांडर एम बी ओझा उस समर्पण के प्रत्यक्ष गवाह थे।  

 

    जिस ऐतिहासिक तस्वीर में पीछे श्री ओझा खड़े हैं, ये तस्वीर इंडियन आर्मी के चीफ के दफ्तर में लगी है। इसी तस्वीर के नीचे अब इंडियन आर्मी के चीफ उपेंद्र द्विवेदी विदेशी डेलीगेट्स से मिलते हैं। हर बार इसी तस्वीर के साथ आधिकारिक मुलाकात की फोटो जारी होती है और ये भारतीय सेना के गर्व का हिस्सा है।”

उनकी अंतिम विदाई के दौरान पूर्व सैनिकों सहित , जनप्रतिनिधि आमजन उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

*1971 की लड़ाई में MB ओझा की भूमिका*

 

 MB ओझा एयर ट्रैफिक कंट्रोल और रडार सिस्टम पर काम किया करते थे। रडार के जरिए ही एयरफोर्स को दुश्मन के फाइटर जेट के बारे में पता चलता है। 14 दिसंबर को भारतीय सेना को पता चलता कि ढाका के गवर्नमेंट हाउस में दोपहर 11 बजे एक मीटिंग होने वाली है।

 

भारतीय सेना ने तय किया कि मीटिंग के वक्त ही गवर्नमेंट हाउस पर बम बरसाए जाएंगे। इसके बाद ओझा की टीम की निगरानी में इंडियन एयरफोर्स के मिग-21 विमानों ने उड़ान भरी। इन फाइटर जेट्स ने गवर्नमेंट बिल्डिंग की छत उड़ा दी।

उस मीटिंग में तब के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के सेना प्रमुख जनरल नियाजी भी मौजूद थे, जो उस हमले में बाल-बाल बच निकले। इंडियन एयरफोर्स के उस हमले के बाद पाकिस्तानी सेना पूरी तरह से घुटनों पर आ गई।

जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

 
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