December 23, 2024

कवर्धा के माँ काली मंदिर में अद्वितीय महाआरती का आयोजन धर्म नगरी कवर्धा में दीपावली की अमावस्या पर माँ काली के महालक्ष्मी स्वरूप की महाआरती का दिव्य आयोजन

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कवर्धा के माँ काली मंदिर में अद्वितीय महाआरती का आयोजन

धर्म नगरी कवर्धा में दीपावली की अमावस्या पर माँ काली के महालक्ष्मी स्वरूप की महाआरती का दिव्य आयोजन

 

कवर्धा खबर योद्धा ।। जब दीपावली की अमावस्या रात का अंधकार चारों ओर छा जाता है, तब कवर्धा के माँ काली मंदिर में अद्वितीय महाआरती का आयोजन होता है। यह परंपरा पिछले 46 वर्षों से चली आ रही है और यहाँ माँ काली की आराधना माँ महालक्ष्मी के स्वरूप में की जाती है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत और विलक्षण अनुभव है। माँ काली का यह रूप त्रिदेवी की शक्तियों का संगम माना जाता है, जिसमें माँ महाकाली, माँ महालक्ष्मी और माँ महासरस्वती का सामूहिक रूप समाहित है।

 

 

माँ काली मंदिर का दिव्य रूप और आस्था का केंद्र

 

पुरातत्व विशेषज्ञ आदित्य श्रीवास्तव बताते हैं, “कवर्धा की माँ काली मंदिर, माँ के त्रिदेवियों के अद्वितीय रूप को समर्पित है, जो शहर के पूर्व दिशा में स्थित है। मंदिर में माँ काली चतुर्भुजी रूप में विराजमान हैं, जिसमें उनके ऊपरी बाएँ हाथ में कमल धारण है। यह कमल महालक्ष्मी स्वरूप का प्रतीक है, और इसी कारण से माँ काली की इस प्रतिमा में माँ महालक्ष्मी की शक्ति भी समाहित मानी जाती है। हर दीपावली की अमावस्या की रात, विशेष रूप से मध्यरात्रि के समय माँ काली का यह महालक्ष्मी स्वरूप में अभिषेक किया जाता है। श्रद्धालुओं के लिए यह आराधना बेहद विशेष होती है, क्योंकि इसे शक्तिपीठ के रूप में मान्यता मिली है।

 

 

त्रिमूर्ति का अनोखा प्रतीक: धर्म नगरी की एक अनोखी आस्था

 

आदित्य श्रीवास्तव बताते हैं, “यह मंदिर त्रिदेवी की एकमूर्ति स्वरूप का प्रतीक है। इस प्रकार का मंदिर देश में बहुत कम स्थानों पर देखने को मिलता है। जैसे काशी का लक्ष्मी कुंड मंदिर, जहाँ देवी लक्ष्मी, देवी काली, और देवी सरस्वती एक ही विग्रह में प्रतिष्ठित हैं, इसी प्रकार कवर्धा का माँ काली मंदिर भी त्रिदेवियों की शक्तियों का केंद्र है। यहाँ के भक्त माँ के तीनों रूपों—महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती—का सामूहिक दर्शन प्राप्त करते हैं।

मध्यरात्रि में विशेष महाआरती का आयोजन

 

दीपावली की अमावस्या के दिन मध्यरात्रि में मंदिर में विशेष महाआरती का आयोजन होता है। पुरातत्व विशेषज्ञ बताते हैं कि इस आरती के दौरान श्रद्धालु माँ काली की महालक्ष्मी के रूप में आराधना करते हैं और उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। कवर्धा के इस महाआरती में सैकड़ों श्रद्धालु हर वर्ष भाग लेते हैं। इस अवसर पर लोग अपनी मनोकामनाओं के साथ माँ का अभिषेक करते हैं और इस देवी सिद्धपीठ की विशेषता का लाभ प्राप्त करते हैं।

राजनीतिक हस्तियों की नियमित उपस्थिति

माँ काली की इस विशेष महाआरती में कवर्धा के वरिष्ठ जनों सहित कई प्रमुख हस्तियां शामिल होती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह वर्षों तक इस महाआरती का हिस्सा रहे हैं। आदित्य श्रीवास्तव कहते हैं, “यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक समर्पण का प्रतीक भी है। डॉ. रमन सिंह के यहाँ उपस्थित रहने से लोगों की श्रद्धा और विश्वास और भी प्रबल हुआ है।“

 

भक्तों का परम् सौभाग्य: माँ काली का विशेष रूप

 

कवर्धा के भक्त अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें माँ काली का ऐसा दुर्लभ और दिव्य रूप यहाँ देखने को मिलता है। माँ काली की आराधना से उन्हें महालक्ष्मी का आशीर्वाद और महासरस्वती का ज्ञान दोनों प्राप्त होते हैं। आदित्य श्रीवास्तव कहते हैं, “धर्म नगरी कवर्धा का यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। माँ काली की प्रतिमा, जो तीनों देवियों की शक्ति का समन्वय करती है, भक्तों के लिए अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है। यह मंदिर लोगों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र है, जो उन्हें आत्मिक शक्ति, शांति और समृद्धि का अनुभव कराता है।”

अमावस्या की रात माँ काली का दिव्य स्वरूप

 

हर वर्ष दीपावली की अमावस्या के अवसर पर माँ काली का मंदिर अद्वितीय प्रकाश और भक्ति से आलोकित हो उठता है। श्रद्धालुओं के अनुसार, इस महाआरती में शामिल होने से उनके जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। आदित्य श्रीवास्तव का कहना है, “माँ काली का यह त्रिमूर्ति स्वरूप, लोगों की आस्था और भक्ति का प्रतीक है, जो उन्हें आत्मबल और जीवन में सफलता का आशीर्वाद देता है। यह मंदिर न केवल कवर्धा, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है।

इस प्रकार कवर्धा का माँ काली मंदिर, दीपावली की रात एक पवित्र शक्तिपीठ के रूप में प्रकट होता है, जहाँ भक्ति और आराधना का अनोखा संगम देखने को मिलता है।।

 

 

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जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

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