उपसरपंच चुनाव की पुनर्गणना की मांग कलेक्टर कार्यालय में सौंपा ज्ञापन पीठासीन अधिकारी पर पक्षपात का लगाया आरोप

उपसरपंच चुनाव की पुनर्गणना की मांग कलेक्टर कार्यालय में सौंपा ज्ञापन
पीठासीन अधिकारी पर पक्षपात का लगाया आरोप
कवर्धा खबर योद्धा।। पंडरिया विकासखंड के ग्राम पंचायत डोंगरिया खुर्द में उपसरपंच चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए प्रत्याशी तुशीला बर्मा ने कलेक्टर से पुनर्गणना की मांग की है। तुशीला बर्मा ने पीठासीन अधिकारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने मतदान प्रक्रिया में पक्षपात करते हुए अवैध मत को गलत तरीके से वैध कर विश्राम यादव को विजयी घोषित कर दिया।
क्या है मामला?
डोंगरिया खुर्द पंचायत में वर्ष 2025 के लिए उपसरपंच पद के लिए चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुई। इस चुनाव में तीन प्रत्याशी – तुशीला बर्मा, विश्राम यादव और साधना कुर्रे ने नामांकन दाखिल किया था। मतदान के दौरान तुशीला बर्मा को 4 वोट, साधना कुर्रे को 3 वोट और विश्राम यादव को 3 वोट प्राप्त हुए। एक मत को अवैध घोषित किया गया।
प्रार्थिनी तुशीला बर्मा का आरोप है कि पीठासीन अधिकारी लालाराम कोसले ने नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध मत को विश्राम यादव के पक्ष में वैध करार दिया। इसके बाद दोनों प्रत्याशियों के मत 4-4 होने पर चिट्ठी-पर्ची के जरिए निर्णय लिया गया, जिसमें विश्राम यादव को विजयी घोषित कर दिया गया।
निर्वाचन प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप
तुशीला बर्मा ने शिकायत में कहा है कि—
1. मतदान प्रक्रिया में गोपनीयता भंग करते हुए खुले रूप से मतदान कराया गया।
2. अवैध मत को नियमों की अनदेखी कर विश्राम यादव के पक्ष में सही करार दिया गया।
3. चिट्ठी-पर्ची की प्रक्रिया में विश्राम यादव के रिश्तेदार से पर्ची उठवाई गई, जिससे निष्पक्षता संदेह के घेरे में आ गई।
4. निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और समय-सारणी का पालन नहीं किया गया।
पुनर्गणना की मांग
तुशीला बर्मा ने कलेक्टर से मांग की है कि—
समस्त मतपत्रों को उनके समक्ष पुनः खोला जाए और निष्पक्ष रूप से गणना कराई जाए।
अवैध मत की वैधता की जांच की जाए।
पीठासीन अधिकारी की भूमिका की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाए।
इस संबंध में कलेक्टर कार्यालय से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। प्रत्याशी ने चेतावनी दी है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उच्च स्तरीय जांच और कानूनी कदम उठाने को बाध्य होंगी।
क्या कहते हैं नियम?
स्थानीय चुनाव प्रक्रिया में किसी भी मत की वैधता या अवैधता को स्पष्ट नियमों के तहत तय किया जाता है। यदि किसी प्रत्याशी को निर्वाचन प्रक्रिया में पक्षपात या अनियमितता की शिकायत होती है, तो वह पुनर्गणना या जांच की मांग कर सकता है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करता है।।