नगर निगम में हुई आर्थिक अनियमितता की जांच कर एफ.आई.आर. दर्ज करने की मांग – कुलबीर छाबड़ा
नगर निगम में हुई आर्थिक अनियमितता की जांच कर एफ.आई.आर. दर्ज करने की मांग – कुलबीर छाबड़ा
राजनांदगांव खबर योद्धा रमेश निवल (बालू) ।।
पार्षद कुलबीर छाबड़ा आज शहर थाना पहुंचकर नगर निगम में हुई आर्थिकअनियमितता की जाँच एवं अपराध पंजीबद्ध करने के लिए थाना पहुंचे बताया की विगत अगस्त माह दिनांक 02.08.2024 से 08.08.2024 तक नगर पालिक निगम के पद्मश्री गोंविदराम निर्मलकर आडिटोरियम में आयोजन समिति द्वारा धार्मिक कथा के आयोजन के लिये आडिटोरियम किराये पर उपलब्ध कराने हेतु आवेदन नगर निगम में देकर कार्यकम धार्मिक कथा करवाया। जिसमें निम्न आपत्तियां है, जो कि जांच के प्रमुख बिन्दु है।
आयोजन समिति द्वारा आडिटोरियम हॉल उपलब्ध कराने बाबत आवेदन प्रथम आवेदन कर्ता ने लिखित पत्र में दिनांक 01.08. 2024 को नगर निगम में धार्मिक कार्यक्रम के लिये दिनांक 02.08.2024 से दिनांक 06.08.2024 तक आडिटोरियम हॉल कि आवश्यकता है, आवेदन दिया है। तथा अन्य जगह भी आवेदन दिया है जिस पर कार्यालय अनुविभागीय दंडाधिकारी राजनांदगांव
द्वारा आयुक्त नगर पालिक निगम तथा नगर पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव से पत्र क्र.2793/अ.वि.अ./प्रवा०-02/01.08. 2024 के पत्र द्वारा नगर निगम से प्रथम आवेदनकर्ता के आवेदन पत्र के अनुसार अनुमति दिये जाने के संबंध में अभिमत प्रेसित करने का कष्ट करेगें के साथ आवेदन की छाया प्रति दी है। जिस पर आयुक्त नगर निगम के पत्र क्र.452/राजस्व/न.पा.नि. 01. 08.2024 को अपना अभिमत देते हुये आडिटोरयम की क्षमता 700 का उल्लेख करते हुये कार्यकम हेतु आडिटोरयिम हॉल का एक दिन का किराया 11,250/- रूपये साउंड सिस्टम शुल्क 3000/- रूपये ए.सी. शुल्क 5000/- रूपये अन्य व्यवस्था शुल्क 2000/- रूपये एवं जी.एस.टी. 18 प्रतिशत शुल्क 2025/- रूपये है। इस प्रकार एक दिवस का किराया 23,275/- रूपये है। इस तरह कुल किराया 7 दिवस का कुल किराया 1,62.925/- रूपये निगम कोष में जमा किया जाना होगा एवं संपूर्ण शर्तों जिसमें संपुर्ण किराया राशि जमा कराया जाना होगा एवं बिजली बिल प्रारंभिक एवं अंतिम मीटर रिडिंग अनुसार किरायेदार को भुगतान करना होगा तथा शासन के समस्त विभागों से अनुमति दिया जाता है तो निगम को कोई आपत्ति नहीं है का अभिमत दिया है। यही अभिमत नगर निगम ने अपने नोटशीट में निगम कोष में उक्त किराये को जमा करने बाबत भी लिखा है तथा निगम के पत्र क्र. 453/राजस्व/न.पा.नि./01.08.2024 को प्रथम आवेदनकर्ता को उक्त किराये की राशि उक्त शर्तों के साथ दी है।
किंतु प्रथम आवेदनकर्ता को अनुमति मिलने के बाद प्रथम आवेदनकर्ता ने आयुक्त नगर निगम को धार्मिक कथा आडिटोरियम राजनांदगांव धार्मिक कथा आयोजन के आयोजक के नाम संशोधन बाबत पत्र देते हुये दुसरे आयोजन समिति के आयोजको का नाम की अनुमति आयोजक व सह आयोजक का नाम शामिल करे लिखित में 02.08.2024 को पत्र लिखते हुये प्रथम आयोजककर्ता ने स्वयं का नाम विलोपित करने लिखा है।2. धार्मिक कथा के द्वितीय आयोजन समिति के आयोजनकर्ता के द्वारा दिनांक 02.08.2024 को आयुक्त नगर पालिक निगम को दिनांक 02.08.2024 से 08.08.2024 तक आडिटोरियम हॉल को उपलब्ध कराने बाबत आवेदन दिया जिस पर नगर निगम आयुक्त द्वारा प्रथम आवेदनकर्ता को दिये अनुमति पत्र में बताये गये उक्त किराया एवं शर्तों के अनुरूप संशोधित अनुमति दी है। जिसके द्वारा कार्यक्रम का आयोजन हुआ है।
जिसमें निम्न आपत्तियां है जो कि जांच के प्रमुख बिन्दु है। 1,आयोजक समिति द्वारा आडिटोरियम हॉल की अनुमति मांगी गई थी किंतु पुरे आडिटोरियम परिसर का उपयोग पुरे समय हुआ है।
2,प्रथम आयोजक आवेदनकर्ता ने द्वितीय आयोजनकर्ता के समिति के सदस्यों के कुछ नाम आयुक्त को अपने लिखित पत्र में
दिये है जो कि जांच के भी प्रमुख बिंदु है।
3,आयोजन समिति जिनके द्वारा धार्मिक कथा का आयोजन कराया गया है। उनके द्वारा नगर निगम में आडिटोरियम के किराये की राशि बिना जमा किये नगर निगम नें कार्यक्रम हेतु आडिटोरियम दिया जो कि नियम के विरूद्ध है।
4,मेरे द्वारा अभिषेक गुप्ता आयुक्त नगर पालिक निगम को आडिटोरियम के किराये को आयोजक समिति द्वारा निगम में बिना रसीद कटाये आडिटोरियम कार्यक्रम में देने और बिना शुल्क पटाये नियम विरूद्ध हये इस विषय पर आपत्ति जताते हुये आर्थिक अनियमितता को दिये जा रहे संरक्षण को बंद करते हुये नियमानुसार कार्यवाही करने बाबत दिनांक 16.10.2024 को लिखित पत्र में मांग की है। (इस पत्र की छाया प्रति संलग्न है।) क्योंकि नगर निगम के भवनों को नगर निगम के नियमों के अनुसार पुर्ण राशि निगम में जमा कर शुल्क की रसीद प्राप्त करने के बाद कार्यक्रम के लिये भवन दिये जाते है।
5,मेरे द्वारा इस विषय की नस्ती अवलोकन के लिये कहा गया है किंतु दो माह से निगम द्वारा इसकी नस्ती का अवलोकन मुझे नहीं कराया जा रहा है। इसे साफ प्रतित होता है की नस्ती में किसी भी प्रकार के दस्तावेजों में हेर फेर कर आर्थिक अनियमितता को बचाने के लिये कार्य किया जा सकता है।
6,यह धार्मिक कथा का आयोजन सरकार, प्रशासन की तरफ से आम जनता के लिये नहीं था बल्कि यह आयोजन निजि आयोजन समिति के द्वारा करवाया गया था जो कि कुछ विशेष चंद लोगों के लिये था धार्मिक कथा के आचार्य जी के दर्शन के लिये और प्रत्यक्ष सुनने के लिये धार्मिक भाव एवं आस्था से जुड़े हमारे शहर की जनता श्रद्धालुजन एवं बाहर से आये श्रद्धालुजन हजारों की संख्या में आडिटोरियम के बाहर खड़े रही जिन्हें प्रवेश नहीं दिया गया और आचार्य जी के दर्शन और प्रत्यक्ष कथा का लाभ लेने से शहर के नागरिक श्रद्धालुजन वंचित रहे ।
बल्कि आयोजन समिति द्वारा धार्मिक कथा के आयोजन में प्रवेश हेतु टिकिट बेचकर व्यवसाय किया टिकिट बेचने के विडियों भी मोबाईल, सोशल मिडिया में वायरल हुये टिकिट बेचने का कितना प्रतिशत जी.एस.टी. आयोजक समिति द्वारा पटाया गया है की नहीं यह भी वाणिज्यकर विभाग से पता किया जाना जांच का महत्वपुर्ण बिंदु है।
7,नगर निगम द्वारा आयोजक समिति को दिये गये संशोधित अनुमति पत्र के क्रमांक 09 में शासन के समस्त विभागों से अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा शर्त में दिया गया है। इसका पालन हुआ की नहीं यह जांच का बिंदु है।
मेरे द्वारा दिये जा रहे इस पत्र जिसमें हुई आर्थिक अनियमितता के हुई जांच कर कार्यवाही की मांग का आधार भी यह है की मैं निर्वाचित जनप्रतिनिधी नगर निगम में पार्षद हूं और मुझे नस्ती का अवलोकन नहीं कराया जा रहा है, और किसी प्रकार की जानकारी भी श्री अभिषेक गुप्ता आयुक्त नगर निगम द्वारा नही दी जा रही है। जबकि माननीय आयुक्त श्री अभिषेक गुप्ता जी आडिटोरियम में कार्यकम होने के बाद नगर निगम के राजस्व विभाग की कई बैठके एवं टी.एल. की बैठक प्रति सप्ताह ले रहे है।
आपसे सादर अनुरोध है कि मेरे द्वारा आपको दिये जा रहे इस पत्र में लिखे गये बिंदुओं की जांच करते हुये नगर निगम में हुई आर्थिक अनियमितता के विरूद्ध दोषी व्यक्तियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर नियमानुसार कार्यवाही करें।