डॉक्टर से मारपीट और जातिसूचक गालि, विशेषर पटेल के मामले में सरकार का बचाव, IMA और विपक्ष ने जताया कड़ा विरोध
डॉक्टर से मारपीट और जातिसूचक गालि, विशेषर पटेल के मामले में सरकार का बचाव, IMA और विपक्ष ने जताया कड़ा विरोध
कवर्धा खबर योद्धा।। छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर पटेल के खिलाफ डॉक्टर से मारपीट और जातिसूचक गालियों के गंभीर आरोपों के बावजूद एफआईआर वापस लेने की प्रक्रिया ने विवाद खड़ा कर दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और पीड़ित डॉक्टर ने इस फैसले को न्याय का अपमान करार देते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
पीड़ित डॉक्टर ने सरकार की गुहार, जारी किया वीडियो
डॉ. सूर्यकांत भारती ने इस मामले में राज्य सरकार को पत्र लिखकर विशेषर पटेल द्वारा किए गए कृत्य को माफ न करने की अपील की है। उन्होंने अपने पत्र के साथ एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें स्पष्ट देखा जा सकता है कि होली के दिन विशेषर पटेल अपने साथियों के साथ अस्पताल में घुसकर डॉक्टर से मारपीट कर रहे हैं। डॉ. भारती ने कहा कि इस तरह के अपराधों को “राजनीतिक मामला” बताकर खत्म करने का प्रयास डॉक्टरों के अधिकारों और न्याय के खिलाफ है।
IMA का कड़ा रुख
IMA कवर्धा ने आपात बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि डॉक्टरों के साथ अस्पताल में इस तरह की घटना चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा पर बड़ा सवाल है। IMA ने कहा कि मामले को वापस लेना दोषियों को बचाने और न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने जैसा है। संगठन ने मांग की कि सरकार इस फैसले को तत्काल पलटे और मामला न्यायालय में चलने दे।
भूपेश बघेल का हमला: एट्रोसिटी एक्ट पर सरकार का दोहरा मापदंड
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए सरकार के कदम पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा, “विशेषर पटेल पर एट्रोसिटी एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज है। यह समझ से परे है कि अनुसूचित जाति के एक डॉक्टर पर अस्पताल में हमला करने को ‘राजनीतिक मामला’ बताया जा रहा है।”
भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा, “क्या कवर्धा, गृह मंत्री विजय शर्मा का जिला होने के कारण आपराधिक मामलों को राजनीतिक बताकर खत्म करने की छूट है?” उन्होंने सरकार से मांग की कि विशेषर पटेल को उनके पद से हटाया जाए और जनता से माफी मांगी जाए।
IMA और विपक्ष की मांग
IMA और विपक्ष ने स्पष्ट किया कि यह मामला डॉक्टरों की सुरक्षा, सम्मान, और न्याय से जुड़ा है। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत इस फैसले को पलटे और मामले को न्यायालय में चलने दे।