बेटी के जन्मदिवस पर पिता ने किया बेटी का अंतिम संस्कार 10 वर्षीय बेटी और पत्नी की वाहन दुर्घटना में मौत

बेटी के जन्मदिवस पर पिता ने किया बेटी का अंतिम संस्कार

10 वर्षीय बेटी और पत्नी की वाहन दुर्घटना में मौत

मुक्तिधाम में रोते बिलखते हुए पिता ने मनाया जन्म दिन 

दिया मुखअग्नि, रो पड़ी हर एक आंखे

कवर्धा खबर योद्धा ।। जिस बच्ची का जन्मदिन मंगलवार को था, उसी दिन उसे मुखाग्नि दी गई। बच्ची के पिताजी ने रोते हुए बताया कि दो दिन पहले फोन पर बात हुई थी, जिसमे मेरी गुड़िया (बेटी) ने इस बार अपने जन्मदिवस को और ज्यादा अच्छे से मनाने और नये कपडे लेने की बात कही थी, पर कभी यह नही सोचा था कि मुक्तिधाम मे बैठकर बच्ची का जन्मदिवस मनाऊंगा। और फुट फुट कर रोने लगे पिता । इस पल में मौजूद सभी की आंखे नम थी कोई कुछ भी बोल भीं नहीं पा रहे थे । 

Prtikatmk
प्रतीकात्मक फोटो

 

ज्ञात हो कि 

चिल्फी थाना क्षेत्र के अकलघरिया के पास रविवार शाम हुए बोलेरो-ट्रक हादसे के तीसरे दिन भी कवर्धा शोक में डूबा रहा। इस दर्दनाक दुर्घटना में पांच लोगों की मौत और पांच घायल हुए थे। हादसे के बाद बोड़ला अस्पताल में चार शवों को 24 घंटे तक बिना फ्रीजर और बिना बर्फ के खुले कमरे में रखना पड़ा, जिससे अस्पताल परिसर में दुर्गंध और संक्रमण का खतरा फैल गया। घटना के 43 घंटे बाद मंगलवार को पोस्टमार्टम पूरा हुआ, वही कवर्धा के लोहारा रोड स्थित मुक्तिधाम में मां-बेटी का अंतिम संस्कार किया गया। सबसे भावनात्मक पल वह था , जब जिस बच्ची का जन्मदिन मंगलवार को था, उसी दिन उसे मुखाग्नि दी गई। बच्ची के पिताजी ने बताया कि दो दिन पहले फोन पर बात हुई थी, जिसमे बच्ची ने इस बार अपने जन्मदिवस को और ज्यादा अच्छे से मनाने और नये कपडे लेने की बात कही थी, पर कभी यह नही सोचा था कि मुक्तिधाम मे बैठकर बच्ची का जन्मदिवस मनाऊंगा।

https://www.facebook.com/share/v/17YAggjhGz/

मृतकों और घायलों की सूची जारी

 

पुलिस और जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, हादसे में जिनकी मौत हुई, उनमें परम भट्टाचार्य (46 वर्ष), आदित्री भट्टाचार्य (14 वर्ष), पोपी बर्मन (48 वर्ष), अन्वेषा सोम (41 वर्ष), अजय कुशवाहा (ड्राइवर) शामिल हैं, ये सभी कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के निवासी थे, जो कान्हा केसली से लौटते समय अकलघरिया के पास बोलेरो और ट्रक की आमने-सामने भिड़ंत में मारे गए। वही घायलों की पहचान अरनदीप दास (10 वर्ष), मुनमुन बेग (42 वर्ष), रिताभास सरकार (17 वर्ष), अद्रिका भट्टाचार्य (18 वर्ष) और सुप्रीति मांझी (19 वर्ष) के रूप में हुई है। सभी घायल कवर्धा जिला अस्पताल में उपचाररत हैं और उनकी स्थिति अब सामान्य है।

 

मुक्तिधाम में मां-बेटी का अंतिम संस्कार, जिसने सबको रुला दिया

 

हादसे के तीन दिन बाद जब परिजन कोलकाता से कवर्धा पहुंचे, तो जिले में शोक की लहर फैल गई। दो शवों को परिजन लेकर कोलकाता रवाना हो गए, जबकि मां परम भट्टाचार्य और बेटी 14 वर्षीय आदित्री भट्टाचार्य का अंतिम संस्कार कवर्धा के लोहारा रोड स्थित मुक्तिधाम में किया गया। जब मुक्तिधाम की चिताओं पर मां-बेटी की अंतिम विदाई हो रही थी, उस क्षण पूरे शहर में सन्नाटा छा गया। उपस्थित लोग उस वक्त भावनाओं से भर उठे, क्योंकि मंगलवार को ही आदित्री का जन्मदिन था। जिस दिन वह केक काटने वाली थी, उसी दिन उसे मुखाग्नि दी गई यह दृश्य हर किसी को भीतर तक तोड़ गया।

 

जिले में केवल चार डीप फ्रीजर, व्यवस्था बेहद सीमित

 

कवर्धा जिले में इस समय सिर्फ चार डीप फ्रीजर हैं दो जिला अस्पताल में, एक बोड़ला और एक पंडरिया ब्लॉक अस्पताल में। इतने बड़े जिले के लिए यह व्यवस्था बेहद अपर्याप्त है। हादसे के बाद बोड़ला अस्पताल में चार शवों को एक साथ सुरक्षित रखने की आवश्यकता पड़ी, लेकिन एकमात्र फ्रीजर होने के कारण शवों को स्ट्रेचर और बेड पर खुले कमरे में रखना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पहले जिले में छह फ्रीजर कार्यरत थे, लेकिन दो उपकरण खराब होने के बाद अब तक बदले नहीं जा सके। इस स्थिति ने स्वास्थ्य तंत्र की वास्तविक तैयारी की पोल खोल दी।

 

सीएमएचओ ने मानी कमी, मांगी रिपोर्ट

 

कवर्धा के सीएमएचओ ने स्वीकार किया कि जिले की शव संरक्षण व्यवस्था अत्यंत सीमित है। उन्होंने कहा कि अब सभी ब्लॉक बीएमओ को अपने अस्पतालों की स्थिति और आवश्यकताओं की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त फ्रीजर यूनिट, स्थायी मॉर्चुरी कक्ष और शव परिवहन वाहन की खरीद प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सीएमएचओ ने कहा कि बोड़ला हादसा पूरे जिले के आपदा प्रबंधन ढांचे की गंभीर समीक्षा का संकेत है।

 

चिल्फी घाटी हादसों का इलाका, तैयारी अब भी अधूरी

 

चिल्फी घाटी क्षेत्र वर्षों से हादसों के लिए कुख्यात रहा है, लेकिन आपात स्वास्थ्य व्यवस्था अब भी कमजोर है। स्थानीय लोगों ने कहा कि जब यह इलाका दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील है, तो हर ब्लॉक अस्पताल में दो फ्रीजर और एक स्थायी शव गृह की व्यवस्था होनी चाहिए थी।

 

अब शुरू हुई समीक्षा और सुधार की पहल

 

हादसे के बाद सीएमएचओ कार्यालय ने जिलेभर में शव संरक्षण व्यवस्था की समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रत्येक ब्लॉक अस्पताल से फ्रीजर, मॉर्चुरी और आपात उपकरणों की सूची मांगी गई है। अगले सप्ताह होने वाली जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में इस विषय पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले महीनों में हर ब्लॉक अस्पताल में कम से कम दो फ्रीजर यूनिट और एक स्थायी मॉर्चुरी कक्ष स्थापित किए जाएं।

 

 

 

 

जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

 
error: Content is protected !!