कवर्धा में तेज आंधी तूफान और जमकर बारिश, 40 वर्ष पुराना पेड़ गिरा ,दो वाहन क्षतिग्रस्त पुलिसकर्मियों की दो गाड़ियां चकनाचूर, नालियों का पानी सड़कों पर बहा

कवर्धा में तेज आंधी तूफान और जमकर बारिश, 40 वर्ष पुराना पेड़ गिरा ,दो वाहन क्षतिग्रस्त
पुलिसकर्मियों की दो गाड़ियां चकनाचूर, नालियों का पानी सड़कों पर बहा
कवर्धा खबर योद्धा।। शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे कवर्धा शहर में आई तेज बारिश और आंधी-तूफान ने अचानक जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। पुलिस थाने और दूरसंचार कार्यालय के पास वर्षों पुराना एक विशाल गुलमोहर का पेड़ टूटकर गिर गया। गिरते ही यह पेड़ वहां खड़ी दो गाड़ियों पर आ गिरा, जिससे दोनों वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। संयोगवश किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन इस घटना ने शहर की अव्यवस्थित और लापरवाह व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू होते ही अचानक धड़ाम की आवाज आई और दूरसंचार कार्यालय के ठीक सामने खड़ा 40 वर्ष पुराना गुलमोहर का पेड़ जड़ से उखड़कर नीचे गिर गया। पेड़ की चपेट में आए वाहन पुलिस विभाग से जुड़े बताए जा रहे हैं,एक प्रधान आरक्षक और एक आरक्षक की गाड़ियां पेड़ की नीचे दबकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। घटना के बाद आसपास मौजूद लोग तुरंत बाहर भागे और कुछ ही देर में पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंच गए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पेड़ कई वर्षों से पुराना था और इसकी जड़ें काफी कमजोर हो चुकी थीं। बावजूद इसके, समय रहते प्रशासन या नगर पालिका ने इसकी छंटाई या हटाने की कोई कोशिश नहीं की। लोगों का कहना है कि अगर पेड़ गिरने के समय वहां कोई राहगीर या अन्य कोई मौजूद होता, तो यह घटना भयावहक साबित हो सकती थी। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या ऐसे जर्जर पेड़ों की सूची बनाकर समय रहते कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
बारिश के साथ सड़कों पर बहा नली का गंदा पानी
बारिश और तूफान का कहर केवल पेड़ गिरने तक सीमित नहीं रहा। तेज बरसात के साथ ही शहर की जल निकासी व्यवस्था भी ध्वस्त होती नजर आई। करपात्री चौक, भारतीय स्टेट बैंक और आसपास के क्षेत्र में नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहने लगा, जिससे पैदल चलना मुश्किल हो गया। मुख्य मार्गों पर जलभराव के कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानी झेलनी पड़ी। कई दुकानों और संस्थानों में पानी घुसने की भी खबर है।
भारतीय स्टेट बैंक के सामने का दृश्य और भी चिंताजनक रहा। नाली का पानी सड़क पर तेजी से फैल गया और बैंक तक पहुंच गया, जिससे आने-जाने वालों को असुविधा हुई। स्थानीय व्यापारी और राहगीरों ने इस समस्या पर रोष जताते हुए कहा कि हर बार बारिश होते ही यही स्थिति उत्पन्न होती है, लेकिन न तो इसे सम्बन्धित विभाग गंभीरता से कार्रवाई करती है और न ही स्थायी समाधान निकालने की कोशिश होती है।
लापरवाही के खिलाफ जनता में गुस्सा
इस पूरे घटनाक्रम के बाद नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोगों का कहना है कि एक ओर पुराने व सूखे हुए खतरनाक पेड़ों को हटाने में कोताही बरती जा रही है, वहीं दूसरी ओर जल निकासी जैसी मूलभूत सुविधाओं को ठीक करने के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद कोई ठोस परिणाम नहीं निकल रहा। शहर की यह स्थिति साफ दर्शाती है कि व्यवस्थाओं को केवल बारिश के मौसम में नहीं, पूरे साल गंभीरता से देखने की जरूरत है।