July 30, 2025

रिटायरमेंट की आयु पूर्ण करने के बाद भी 300 से अधिक लोग कर रहे हैं नौकरी

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रिटायरमेंट की आयु पूर्ण करने के बाद भी 300 से अधिक लोग कर रहे हैं नौकरी

वित्त मंत्री बचाने में लगे हैं पाई पाई, महिला बालविकास की लापरवाही से हो रहा करोड़ों का नुकसान 

 

रायपुर खबर योद्धा विद्या भूषण दुबे की स्पेशल रिपोर्टिंग। एक तरफ जहां प्रदेश के वित्त मंत्री राज्य के विकास के लिए पाई पाई जोड़ने में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ महिला एवं बाल विकास विभाग शासन को प्रति माह करोड़ो रूपये का चूना लगा रहा है।

दरअसल सेवानिवृत्ति की निर्धारित आयु पूर्ण कर लेने के बावजूद प्रदेश के लगभग 279 आंगनबाड़ी सहायिका 5000 ₹ प्रति माह और 29 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 10000 ₹ प्रति माह वेतन आज भी महिला एवं बाल विकास विभाग से ले रहे हैं। भर्रासाही इतनी है कि संचानालय से जारी आदेश का पालन भी परियोजना अधिकारियों के द्वारा नहीं किया गया।

परिणामस्वरूप जिन कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को पहले 62 वर्ष उसके बाद 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत हो जाना था वे अपने निर्धारित आयु पूर्ण करने के 15 साल बाद भी नौकरी कर रहे हैं । इतना ही नहीं बाकायदा उन्हें परियोजना अधिकारियों के द्वारा वेतन भुगतान किया जा रहा है। ऐसे बहुत सारे सहायिकाएं हैं जिनकी आयु 66 से 78 वर्ष है ।

 

अब इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्यकर्ता और सहायिकाओं को परियोजना अधिकारियों के द्वारा आर्थिक रूप से कैसे अनुचित लाभ पहुंचाया जा रहा है। विभाग के परियोजना अधिकारियों के लापरवाही के चलते शासन को कई करोड़ रूपयों का नुकसान हो रहा है।

 

एक तरफ जहां प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी छत्तीसगढ़ शासन के लिए पाई पाई बचाने में लगे हुए हैं तो वहीं दूसरे तरफ महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी वित्त मंत्री के मेहनत पर पानी फेरते दिखाई दे रहे हैं।

 

ख़बरयोद्धा के पास प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार 23 सितंबर 2023 को जारी आदेश क्रमांक 6438 के अनुसार कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को 65 वर्ष पूर्ण करने वाले को सेवानिवृत्त किया जाना था। इसके लिए CDPO लोगों को संबंधित को एक माह पूर्व नोटिस भी CDPO को ही जारी करना पड़ता है।

निर्धारित आयु पूरा करने के बाद में जो सहायिकाएं अभी भी मानदेय ले रही हैं उनमें सर्वाधिक सूरजपुर जिला से 32 बस्तर से 31 (इनमें एक कि आयु 76 वर्ष 4 माह बताई जाती है) दंतेवाड़ा से 29 कोरबा के 23 लोग हैं। इसी प्रकार से भाटापारा 3 बलरामपुर 10 बीजापुर 5 बिलासपुर 2 (इनमें एक कि आयु 78 वर्ष 4 माह बताई जाती है) धमतरी पांच दुर्गा एक गरियाबंद 8 गौरेला पेंड्रा मरवाही 8 जांजगीर चार जशपुर तीन कवर्धा 15 कांकेर 13 खैरागढ़ दो कुंडा गांव 13 कोरिया 13 महासमुंद नव महेंद्रगढ़ 18 मुंगेली तीन नारायणपुर एक रायगढ़ पांच राजधानी रायपुर 10 सक्ति 1 सारंगढ़ दो सुकमा जिला के 13 और सरगुजा जिला के 3 सहायिका शामिल है।

इसी प्रकार प्रदेश के जिन 29 कार्यकर्ताओं को आर्थिक रूप से अनुचित लाभ पहुचाया जा रहा है उनमें बलरामपुर जिला से 3 बस्तर जिला से 7 बिजापुर और GPM से 1-1 दंतेवाड़ा से 2 कांकेर 3 कोंडागांव 4 कोरबा 2 मुंगेली 1 सुकमा 3 महेंद्रगढ़ 1 सूरजपुर जिला से 1 शामिल हैं।

दरअसल संचालक दिव्या मिश्रा IAS के आदेश को परियोजना अधिकारियों के द्वारा कभी गंभीरता से लिया ही नहीं गया। 2023 को जारी आदेश की चर्चा समीक्षा बैठकों में भी कर दी जाती तो ऐसी नौबत नहीं आती।

सीधी बात

राजधानी रिपोर्टर विद्याभूषण दुबे – कबीरधाम जिला में उम्र पार करने के बाद भी 15 सहायिकाओं को CDPO स्तर से वेतन क्यों दिया जा रहा है ? 65 वर्ष पूरे कर चुके AWH को सेवानिवृत्त क्यों नहीं किया गया है ?

जवाब – कवर्धा में कोई भी उम्र पार सहायिका काम नहीं कर रहे हैं यह जानकारी सॉफ्टवेयर की त्रुटिवस है। आज मैं बोदला प्रवास पर हूं यदि ऐसा कुछ है तो मैं जांच कराता हूं। प्रतिवर्ष अप्रैल माह में सेवानिवृत्त करना होता है। 

DPO आनंद तिवारी

 

 

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जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

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