पानी बनी परेशानी 1 किलो मीटर का करना पड़ता है पैदल सफर
पानी बनी परेशानी 1 किलो मीटर का करना पड़ रहा पैदल सफर
पेय जल समस्या पर प्रशासन उदासीन
पंडरिया खबर योद्धा ।।पंडरिया विकासखंड के ग्राम रेंगाबोड जो हाफ नदी के तट पर स्थित है, पानी की समस्या से ग्रसित है। हाफ नदी पूरी तरह से सूख चुका है तथा गांव के हैंडपंप बंद हो गए हैं जिसे ग्रामीणों को निस्तार की सुविधा के लिए कोसों भटकना पड़ रहा है। स्वयं के पीने तथा पशुओं को पानी पिलाने के लिए बड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है ।
ग्राम रेंगाबोड के वार्ड क्रमांक 3 में यह समस्या और भी गंभीर है जहां के महिलाओं को एक से दो किलोमीटर की दूरी से सिरबोझ से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। शासकीय योजना अंतर्गत हर घर स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की शासन की मंशा धरी की धरी रह गई है ।
लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं ।इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर अभियान चलाकर शासन से निवेदन किया है कि पानी की व्यवस्था किया जाए।
जिस पर प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया है । गपानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे ग्रामीणों ने मांग किया है यदि पीने के पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो जिला मुख्यालय में ग्रामवासी प्रदर्शन करेंगे।
1 किलोमीटर दूर से महिलाएं ला रहीं पानी
वैसे तो गांव में लगभग 7/8 हैंडपंप है जिनमें से अधिकांश सूख गए हैं तो कुछ पर लोगो ने कब्जा कर रखा है । नदी के सूख जाने से पालतू जानवरों को पानी पिलाने धोने नहलाने की भी समस्या है। गांव का जलस्तर बहुत नीचे चला गया है।
नल जल योजना में नल तो बना है लेकिन जल का कहीं पता नहीं है। ग्रामीण महिलाओं को केशलमरा पारा, दुल्लापुर पारा से हंडी में पीने का पानी भरकर लाना पड़ रहा है। ग्रामीण जल संकट से गुजर रहे हैं।
जल संकट से जूझ रहा है ग्राम रेंगाबोड
पीएचई, जनपद-जिला सीईओ सहित कलेक्टर को सौंपा आवेदन
पानी की समस्या से निजात दिलाने ग्रामवासियों ने पीएचई, जनपद-जिला सीईओ सहित कलेक्टर को आवेदन दिया है। आवेदन किए बीस दिन से भी ज्यादा समय हो गया है। पीएचई के अधिकारी और जिले के मुखिया संवेदनहीन बने हुए हैं।प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा। आखिर समस्याग्रस्त ग्रामीण जाएं तो कहां जाएं। नए बोर खनन या हैंडपंपों पर और पाईप डालने, या शासकीय हैंडपंप पर निजी कब्जे को मुक्त करने में सरपंच सचिव भी अपने को असमर्थ बताते हैं। ग्रामीणों ने जल संकट की समस्या से मुक्ति दिलाने गुहार लगाई है।
समस्या से किसी को कोई सरोकार नहीं
जल संकट को प्रशासन से निवेदन कर अवगत कराया गया है। किंतु ग्रामीणों की समस्या से किसी को कोई लेना देना नहीं है। गांव के गरीब परिवार आखिर कहां अपनी पीड़ा रखे। शासन प्रशासन से पानी की व्यवस्था करने के लिए जिलाधीश को आवेदन देने वालों में रमेश चंद्राकर, होरिलाल, अजय निर्मलकर, सुरेंद्र निर्मालकर, अमित चंद्राकर, राजेंद्र, मनीराम, केशव, लवलेश, , विजय, हिरेंद्र, चंद्रकांत, त्रिवेणी, तारामणि, शिवबती, अश्वनी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने आवेदन किया हुआ है। ग्राम के सरपंच व सचिव स्वयं भी इस समस्या से अवगत हैं और उनके द्वारा भी आवेदन में हस्ताक्षर किया गया है।