डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता केवल पूंजीपतियों का मुनाफा, छत्तीसगढ़ के जंगल और खनिज संसाधनों पर बुरी नज़र – सुरेंद्र

डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता केवल पूंजीपतियों का मुनाफा, छत्तीसगढ़ के जंगल और खनिज संसाधनों पर बुरी नज़र – सुरेंद्र

 

रायपुर खबर योद्धा।। कोयला मंत्रालय द्वारा निजी पूंजीपति के कमर्शियल यूज के लिए कोल ब्लॉकों की नीलामी की सूची में छत्तीसगढ़ के जैव विविधता के अति महत्वपूर्ण क्षेत्रों के खदानों को शामिल किए जाने का विरोध करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए निजी कमर्शियल यूज के लिए खुली नीलामी का विकल्प दिया है। डबल इंजन की सरकार में अब तक 12 राउंड में नीलामी हो चुकी है। दो अलग-अलग अधिनियमों के तहत कोयला खदानों की नीलामी की जा रही है।

इसी दुर्भावना को अमल करने के लिए मोदी सरकार ने कोल बेयरिंग एक्ट और वन अधिकार अधिनियम में आदिवासी हितों के विरुद्ध संशोधन किए हैं। कॉर्पोरेट परस्त नीतियों के तहत मोदी सरकार में कोल माइंस स्पेशल प्रोविजन्स एक्ट (सीएमएसपी) और माइंस एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन्स एक्ट (एमएमडीआर) के तहत अलग-अलग नीलामी हो रही है। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कोयले के कमर्शियल माइनिंग सेक्टर में निजी क्षेत्र को एंट्री दी गई है ताकि सरकारी उपक्रम, नवरत्न कंपनियों कोल इंडिया और एसईसीएल से काम छीनकर दबाव पूर्वक अपने मित्रों को लाभ पहुंचा सके। छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले से नवागांव ईस्ट और नवागांव वेस्ट कोल ब्लॉकों को नीलाम किया जा रहा है। तय कार्यक्रम के अनुसार 24-29 नवंबर के बीच इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन होगा। इस क्रम में देश भर के कुल 41 में से 15 नए कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ में नीलाम किया जा रहा है। चंद पूंजीपतियों के लाभ के लिए लाखों पेड़ काटकर हरे भरे जंगल उजाड़ना चाहती है सरकार।

 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रायगढ़ जिले में जो 4 कोल ब्लॉक नीलाम किए जा रहे हैं वह लेमरू एलीफेंट रिजर्व का क्षेत्र है, रेलवे लाइन के नजदीक है, सूची में शामिल दो खदानें धरमजयगढ़ क्षेत्र की हैं जो हाथी प्रभावित क्षेत्र में आते हैं। यह सरकार लेमरू एलीफेंट रिजर्व के भीतर ही दो-दो माइंस डेवलप करना चाहती है, अभी भी इस क्षेत्र में हाथियों की आवाजाही है।

 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधनों को लूटने की होड़ मच गई है। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से पहले ही हसदेव अरण्य के जंगल काटे गए, रायगढ़ जिले के तमनार में वन अधिकार अधिनियम के तहत आवंटित पट्टे की भूमि में हरे भरे जंगल काट कर खदान अडानी को सौंप दिया गया। बीजापुर में कोरंडम खदान के लिए बिना पर्यावरण अनुमति के जंगल काट दिए गए, बैलाडीला में तीन खदान सहित कांकेर जिले में आयरन ओर की खदाने बेचें अब सेंट्रल इंडिया का फेफड़ा कहलाने वाले हसदेव अरण्य और तमोर पिगला के कोरबा, रायगढ़ क्षेत्र में 15 नई कोयला खदानें निजी पूंजीपति को सौंपने जा रही है यह सरकार ।

जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

 
error: Content is protected !!