मनरेगा कर्मचारियों के चार माह से लंबित वेतन भुगतान की मांग

मनरेगा कर्मचारियों के चार माह से लंबित वेतन भुगतान की मांग
मो. कलीम ने सरकार पर लगाया मनरेगा कर्मचारियों की उपेक्षा का आरोप
कवर्धा खबर योद्धा।। भाजपा शासन की उपेक्षा पूर्ण नीति के चलते प्रदेश सहित जिले में कार्यरत मनेगा के कर्मचारियों की स्थिति बेहद दयनीय और चिंताजन हो गई है। आलम ये है कि इन मनरेगा कर्मचारियों को बीते चार माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। जिसके कारण कर्मचारी गंभीर आर्थिक संकट से जूट रहे हैं।
जबकि इस संबंध में कर्मचारियों द्वारा लगातार शासन-प्रशासन से वेतन भुगतान की गुहार लगाई जा रही है लेकिन सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। उक्त बातें पूर्व राज्य परिषद सदस्य राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, छत्तीसगढ़ शासन एवं महामंत्री जिला कांग्रेस कमेटी, कबीरधाम मो. कलीम ने जारी बयान में कहीं। उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में कार्यरत करीब 12 हजार से अधिक और कबीरधाम जिले में कार्यरत करीब 550 मनरेगा कर्मचारियों को पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला है। इन कर्मचारियों का माह मार्च 2025 से जून 2025 तक का वेतन अभी तक लंबित है, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है व असंतोष व्याप्त है। मो. कलीम ने बताया कि कर्मचारियों को बीते चार माह से वेतन नहीं मिलने के कारण उनके तथा उनके परिजनो के सामने गंभीर आर्थिक संकट गहरा गया है। नए शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के साथ ही इन कर्मचारियों का भी खर्च बढ़ गया है। कई कर्मी दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में कार्य कर रहे हैं, जिसके आवागमन का खर्च उन्हें खुद ही वहन करना पड़ रहा है। लगातार वेतन न मिलने से रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना इनके लिए मुश्किल हो गया है।
जबकि देखा जाए तो मनरेगा कर्मियों की भूमिका केवल ग्रामीणों को रोजगार देने तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), स्वच्छ भारत मिशन, पीएम जनमन और अन्य पंचायत स्तरीय योजनाओं के सफल संचालन में भी इनकी अहम भूमिका है। बावजूद इसके भाजपा की असंवेदनशील सरकार इन कर्मचारियों का बीते चार माह से वेतन रोकर बैठी है। मो. कलीम ने शासन प्रशासन से मनेगा के कर्मचारियों का लंबित चार माह का एक मुस्त तत्काल वेतन भुगतान किए जाने तथा आगामी माह से नियमित रूप से वेतन भुगतान किए जाने की मांग की है।