घूघरी खुर्द में उमड़ा जनसैलाब
प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा में आस्था का संगम
कवर्धा खबर योद्धा।। कबीरधाम जिले के ग्राम घूघरी खुर्द में चल रही शिव महापुराण कथा में श्रद्धा और आस्था का ऐसा समुद्र उमड़ा है, जिसे देखने हजारों की भीड़ दूर-दूर से पहुंच रही है। प्रसिद्ध कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा 5 नवंबर से आरंभ हुई यह पांच दिवसीय कथा 10 नवंबर तक चलेगी। पहले ही दिन से कथा स्थल पर सुबह-शाम भक्तों का भारी जनसैलाब उमड़ रहा है, जिससे पूरा क्षेत्र शिवमय वातावरण में डूब गया है।

कथा स्थल पर हर-हर महादेव के जयघोष, भजन-कीर्तन और ध्यान की ध्वनि श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव करा रही है। लोग सुबह से ही पंडाल में बैठकर कथा श्रवण और शिव आराधना में लीन हो रहे हैं। ग्रामीणों और आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में परिवार और साधक पधार रहे हैं।

शिव नाम से 71 पीढ़ियों का उद्धार
प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा कि शिव स्मरण और जलाभिषेक से मनुष्य ही नहीं, उसकी 71 पीढ़ियों तक का उद्धार होता है। उन्होंने बताया कि रोज भगवान शिव पर जल चढ़ाना, मन में विश्वास और जीवन में संयम रखने से हर समस्या का समाधान संभव है।
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उन्होंने बेल पत्र के महत्व और उसके उपायों को सरल भाषा में समझाया। उनके अनुसार बेल पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और सच्चे मन से अर्पण करने पर जीवन में अद्भुत परिवर्तन दिखाई देते हैं।
भक्तों के अनुभव ने किया भावुक
कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने भक्तों द्वारा भेजे गए पत्र भी पढ़े। इनमें कई चमत्कारी अनुभवों का उल्लेख था।
कवर्धा की एक महिला ने लिखा कि 10 वर्षों तक संतान सुख से वंचित रहने के बाद उन्होंने टीवी माध्यम से नियमित कथा सुनी और शिव मंदिर में जलाभिषेक करती रहीं। कुछ समय बाद उन्हें पुत्र प्राप्त हुआ, जिसे उन्होंने शिव कृपा बताया।
गेंदपुर की एक महिला ने पत्र में उल्लेख किया कि गंभीर बीमारी से जूझते हुए उन्होंने बेल पत्र अर्पित करना और शिव मंत्र जपना शुरू किया। कुछ ही दिनों बाद उनकी बीमारी दूर हो गई और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए।
इन अनुभवों को सुनकर पंडाल में बैठे सैकड़ों लोग भावुक हो उठे।
हर कदम पर भक्ति का अनुभव
कवर्धा और आसपास के गांवों से श्रद्धालु सुबह से ही कथा स्थल पहुंच रहे हैं। आयोजकों ने भोजन, जल, बैठने की व्यवस्था, पार्किंग और यातायात को सुव्यवस्थित किया है। विशाल पंडाल में शिव आराधना, भजन और सत्संग से वातावरण पवित्र बना हुआ है।
पुरुष, महिलाएं, युवा और वृद्ध—सभी बड़ी संख्या में पहुंचकर गहराई से कथा श्रवण कर रहे हैं।
आस्था और विश्वास का महापर्व
महाराज ने भक्तों को संदेश दिया कि शिव आराधना केवल पूजा का साधन नहीं, बल्कि जीवन में नैतिकता, धैर्य और शांति को जगाने का मार्ग है। उन्होंने कहा कि मन में भक्ति और व्यवहार में विनम्रता हो तो जीवन बदलता देर नहीं लगती।
उनके प्रवचन में आध्यात्मिकता, जीवन दृष्टि और सामाजिक संदेशों का अनूठा संगम देखने को मिला।
ग्रामीणों और दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने कहा कि घूघरी खुर्द जैसे गांव में इतना बड़ा आध्यात्मिक आयोजन होना सौभाग्य की बात है।
कथा स्थल पर रोज हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। अनुमान है कि आगामी दिनों में भीड़ और बढ़ेगी।
कथा 10 नवंबर तक प्रतिदिन आयोजित होगी।
श्रद्धालुओं में उत्साह चरम पर है और शिव भक्ति का यह प्रवाह गांव को अनूठे आध्यात्मिक रंग में रंगता जा रहा है।
