अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बच्चों ने देशी शराब दुकान हटाने किया प्रदर्शन , जमकर बोला हल्ला सड़क पर उतरे छात्र ,छात्राओं सहित ग्रामीण
अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बच्चों ने देशी शराब दुकान हटाने किया प्रदर्शन , जमकर बोला हल्ला
सड़क पर उतरे छात्र ,छात्राओं सहित ग्रामीण
कवर्धा खबर योद्धा ।। – शराब दुकान को लेकर गांव के लोगों सहित स्कूली बच्चों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं का गुस्सा शनिवार को सड़कों पर जमकर नजर आया। पोड़ी गांव में संचालित शराब दुकान के खिलाफ स्कूली बच्चों और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने शराब दुकान को फौरन हटाने की मांग करते हुए सड़क पर धरना दिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और तहसीलदार राजश्री पांडे मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी। तहसीलदार ने एक महीने के भीतर शराब दुकान को दूसरी जगह स्थानांतरित करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।
स्कूली बच्चों की परेशानी बनी आंदोलन का स्वरूप
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे स्कूली छात्रों ने बताया कि शराब दुकान गांव के मुख्य मार्ग पर संचालित की जा रही है। दुकान के 100 मीटर के दायरे में दो निजी स्कूल – सरस्वती शिशु मंदिर और गायत्री गुरुकुल स्थित हैं। स्कूल आने-जाने के दौरान बच्चों को दुकान पार करना पड़ता है, जहां अक्सर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। छात्राओं ने आरोप लगाया कि दुकान के आसपास की गतिविधियों से उन्हें असुरक्षित महसूस होता है, और कई बार दुर्व्यवहार की घटनाएं भी हुई हैं। महिलाओं ने भी इस समस्या पर चिंता जताई। उनका कहना है कि शराब दुकान के कारण सड़क पर आए दिन असामाजिक गतिविधियां और जाम की स्थिति बनी रहती है। चखना सेंटरों के कारण माहौल और भी खराब हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को जल्द से जल्द शराब दुकान को स्थानांतरित करना चाहिए, ताकि बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिल सके।
एक साल से संचालित दुकान हटाने की चल रही मांग
प्रदर्शन के दौरान यह बात भी सामने आई कि शराब दुकान को हटाने की मांग कोई नई नहीं है। एक साल से ग्रामीण और स्थानीय लोग इस समस्या को लेकर आवाज उठा रहे हैं। लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप और आंतरिक विवादों के कारण दुकान को अब तक स्थानांतरित नहीं किया जा सका है।
राजनीतिक हस्तक्षेप बना बाधा, कब होगी कार्यवाही
शराब दुकान हटाने की प्रक्रिया में राजनीतिक दखल बड़ी समस्या बन गई है। सूत्रों का कहना है कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के बीच स्थानांतरण को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। जहां एक ओर ग्रामीण और स्कूली बच्चे दुकान को पूरी तरह हटाने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर चर्चा है कि दुकान को मौजूदा स्थान से कुछ दूरी पर ही स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है।
डिप्टी सीएम तक पहुंचा मामला
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि इस मुद्दे को डिप्टी सीएम विजय शर्मा तक भी पहुंचाया गया है। लेकिन अब तक इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यदि एक महीने के भीतर दुकान को स्थानांतरित नहीं किया गया, तो प्रदर्शनकारी बड़े स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी दे चुके हैं।
प्रशासन ने दिया आश्वासन, प्रदर्शनकारी में असमंजस
तहसीलदार राजश्री पांडे ने प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए कहा कि शराब दुकान को हटाने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक महीने के भीतर दुकान को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाएगा। हालांकि, प्रदर्शनकारियों को प्रशासन की इस कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि यदि समय सीमा के भीतर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों में बढ़ रहा आक्रोश
ग्रामीणों का कहना है कि शराब दुकान उनके सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रही है। दुकान के कारण युवा पीढ़ी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, और असामाजिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। प्रशासनिक उदासीनता और राजनीतिक खींचतान ने ग्रामीणों को निराश किया है।
शराब दुकान हटाने का संघर्ष जारी
पोड़ी के इस आंदोलन ने ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकानों को लेकर चल रहे संघर्ष को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह केवल पोड़ी गांव की समस्या नहीं, बल्कि राज्यभर में फैली एक बड़ी समस्या का प्रतीक है। प्रशासन और राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे जनता की इन समस्याओं को गंभीरता से लें और समय पर कार्रवाई करें। ग्रामीणों और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह लड़ाई केवल शराब दुकान हटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी लड़ाई है। यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन एक बड़े जनांदोलन का रूप ले सकता है। इसके साथ ही अब छात्र छात्राओं सहित लोग 1 माह का इंतजार कर रहे है । जब इस शराब दुकान को हटाया जाएगा।