भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से एक मृत महिला के खाते से 2.85 लाख रुपये की अवैध निकासी का मामला मृत महिला के खाते से अज्ञात व्यक्ति ने की धोखाधड़ी, 2.85 लाख की अवैध निकासी
भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से एक मृत महिला के खाते से 2.85 लाख रुपये की अवैध निकासी का मामला
मृत महिला के खाते से अज्ञात व्यक्ति ने की धोखाधड़ी, 2.85 लाख की अवैध निकासी
कवर्धा खबर योद्धा।।(बोडला) – बोडला में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से एक मृत महिला के खाते से 2.85 लाख रुपये की अवैध निकासी की गई। इस मामले में स्वर्गीय श्रीमती दीपा बाई अहिरवार के परिजनों ने बोडला थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
आवेदकों कुंजराम, वेदराम, मुन्ना लाल, अशोक और धनेश हठीले ने एक संयुक्त लिखित आवेदन दिया, जिसमें बताया गया कि उनकी माता (कुंजराम, वेदराम, और मुन्ना लाल की माता तथा अशोक और धनेश की दादी) स्व. श्रीमती दीपा बाई अहिरवार का भारतीय स्टेट बैंक शाखा बोडला में एक खाता था। उनकी मृत्यु 09 नवंबर 2022 को हो चुकी थी, जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी उपलब्ध है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि मृत्यु के बाद भी, उनके खाते से अवैध रूप से पैसे निकाले गए।
परिजनों के अनुसार, दिनांक 18 अप्रैल 2024 को 1,39,626 रुपये और 18 मई 2024 को 1,46,400 रुपये की निकासी की गई, कुल मिलाकर 2,85,662 रुपये किसी अज्ञात व्यक्ति ने आहरण किए हैं। जब यह जानकारी आवेदकों को मिली, तो उन्होंने तत्काल बैंक प्रबंधन से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई।
बैंक द्वारा दिए गए जवाब में शाखा प्रबंधक ने सूचित किया कि 18 मई 2024 को प्रतीक उके नामक व्यक्ति, जिसका पीएफ क्रमांक 1014322 है, के माध्यम से यह राशि आहरण की गई है। इसके अलावा, बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि निकासी सेल्फ विड्रॉल के जरिए की गई थी, जो सीधे खाता धारक के हस्ताक्षर पर आधारित होती है। परंतु, आवेदकों का कहना है कि उनकी माता की मृत्यु के बाद भी उनके हस्ताक्षर का उपयोग कर अवैध रूप से यह राशि निकाली गई है, जो कि बैंक अधिकारियों और अज्ञात व्यक्तियों की मिलीभगत का नतीजा हो सकता है।
बोडला थाने में दर्ज इस शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है और बैंक के संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। इस धोखाधड़ी के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करना अब पुलिस की प्राथमिकता है।
परिजनों ने बैंक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, इस प्रकार की धोखाधड़ी की घटनाओं से बचने के लिए बैंकिंग प्रणाली में सुधार की जरूरत पर भी चर्चा शुरू हो गई है।