बीजापुर बंद व दो घंटे का सांकेतिक चक्का जाम

बीजापुर बंद व दो घंटे का सांकेतिक चक्का जाम
खबर योद्धा
कल दिनांक 04/01/2025 को युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में बीजापुर बंद का आह्वान किया गया हैं,हत्या के विरोध में अस्पताल चौक में दो घंटे का सांकेतिक चक्का जाम किया जाएगा,
निम्न है मांगें
1.बीजापुर सहित बस्तर संभाग में सुरेश चंद्राकर की जितनी भी संपत्तियां है उसे जब्त कर सरकारी संपत्ति घोषित की जाए
2.हत्याकांड में संलिप्त सुरेश चंद्राकर,रितेश चंद्राकर और अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत FIR तथा फांसी की सजा हो।
3.सुरेश चंद्राकर की सुरक्षा में लगाए जवानों को हटाया जाए*
4.सुरेश चंद्राकर को जारी सभी टेंडर रद्द किया जाए,सभी बैंक खाते,पासपोर्ट सील किए जाए*
5.घटना स्थल चट्टान पारा में बने अवैध बाड़ा को तत्काल निस्तेनाबूत किया जाए था गंगालूर रोड पर स्थित प्लांट सील किया जाए तथा गाड़ियों को राजसात किया जाए*
6.युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर को शहीद का दर्जा दिया जाए
उक्त मांगें नहीं माने जाने पर 5 जनवरी से बीजापुर में अनिश्चिकालीन चक्का जाम किया जाएगा..*
हमारे साथी मुकेश चंद्राकर को न्याय दो न्याय दो*
हत्यारे को सजा दो सजा दो
मुकेश चंद्राकर को शहीद का दर्जा दो दर्जा दो
पत्रकार अजय सोनी राजनंदगांव ने लिखा
साल 2009 या 2010 की बात होगी। उस समय मैं राजनांदगांव में दैनिक नवप्रदेश देखा करता था। अखबार के संपादक Yeshwant Dhote जी और A.n. Dwivedi जी के साथ 7 दिवसीय बस्तर दौरे से वापस लौटा ही था। पहली बार बस्तर दौरा था इसलिए बस्तर को जानने समझने की उत्सुकता जाग उठी थी।
चैनल बाय चैनल काम करते हुए दंतेवाड़ा के मित्र मृगेंद्र ने Mukesh Chandrakar का नम्बर दिया और कहा कि जो भी वो बात लिया करूँ।
मुकेश से कभी मुलाकात ना हुई पर खबरों को लेकर बातें होती रहीं । कुछ समय पहले जब उसने यूट्यूब में मेरा पहला वीडियो देखा तो कहा कि भइया अब अपने जमात के लग रहे हो।
वो ऐसा सख्स था जो कभी कहीं और नही मिला । बस आड़े समय मे फोन पर मौजूद रहा।
मुकेश के साहस ने उस समय दिल को छू लिया जब विशाखा पटनम जाते हुए मित्र के एक परिवार को बीजापुर में मुकेश ने रात दो बजे मदद पहुंचाई।
निडर , साहसी , व्यवहारिक मुकेश आज नही रहा ।
भ्रष्ट सिस्टम और सत्ता के दलालों ने उसकी जान ले ली।
छत्तीसगढ़ ने एक हीरा खो दिया।
तुझसे ना मिल पाने का जीवन भर मलाल रहेगा मेरे भाई।
जहां रहना खुश रहना।