कबीरधाम जिले के नगर पालिका चुनाव में जनता चुनेंगे अध्यक्ष
राजनीतिक समीकरणों में हलचल
नगर पालिका चुनाव को लेकर राजनीतिक गुरु लगा रहे गणित
कवर्धा खबर योद्धा।। जिले में नगर पालिका और नगर पंचायत चुनावों की संभावनाओं ने सियासी हलचल तेज कर दी है। जिले के दो नगर पालिकाओं कवर्धा और पंडरिया और पांच नगर पंचायतों बोडला, पांडातराई, सहसपुर-लोहारा, पिपरिया और इंदौरी में इस बार जनता को एक नई व्यवस्था का अनुभव होगा। पिछले चुनावों में जनता ने पार्षद चुने थे, जिनमें से अध्यक्ष का चयन पार्षदों द्वारा किया गया था। लेकिन इस बार स्थिति बदल गई है। अब जनता को इस बार पहले की तरह अपने नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष का सीधा चुनाव करने का मौका मिलेगा। इस बदलाव ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की रणनीतियों को पूरी तरह बदल दिया है, क्योंकि अध्यक्ष पद के लिए होने वाले सीधा चुनाव, पार्षदों के परोक्ष समर्थन पर निर्भर नहीं होंगे।

सीधे चुनाव का क्या होगा प्रभाव
सीधे अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया से मतदाताओं के पास अब यह अधिकार होगा कि वे अपने नगर निकाय का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति का स्वयं चयन करें। यह बदलाव जनता को अधिक सशक्त बनाता है और उन्हें सीधे अपने लिए उत्तरदायी नेतृत्व चुनने का अवसर देता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई प्रणाली से न केवल नेतृत्व में जवाबदेही बढ़ेगी, बल्कि अध्यक्ष पद के लिए व्यक्तित्व, अनुभव और नेतृत्व क्षमता जैसे गुण भी निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण प्रक्रिया जारी
आगामी नगरपालिकाओं और त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव के लिए जिले में निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण कार्य जारी है। यह प्रक्रिया 31 दिसंबर 2024 से 6 जनवरी 2025 तक चलेगी, जिसमें 1 जनवरी 2025 की अर्हता तिथि के आधार पर पात्र मतदाता अपने नाम नगरपालिकाओं या पंचायतों की नामावली में जोड़वा सकते हैं। इसके लिए वे अपने वार्ड या ग्राम पंचायत में प्राधिकृत अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया 7 जनवरी को
छत्तीसगढ़ में नगर निगमों के महापौर और नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण प्रक्रिया अब 7 जनवरी 2025 को होगी। पहले 27 दिसंबर 2024 को निर्धारित आरक्षण प्रक्रिया अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई थी। अब नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने नई तिथि 7 जनवरी को निर्धारित की है।
जिले की नगर पालिकाओं में चुनावी रणनीतियां
कवर्धा नगर पालिका
कवर्धा नगर पालिका में सीधे अध्यक्ष पद के चुनाव से पारंपरिक समीकरणों में बदलाव हो सकता है। शहर में विकास, सड़क निर्माण और सफाई व्यवस्था जैसे मुद्दे चर्चा में हैं। उम्मीदवारों के लिए यह जरूरी होगा कि वे इन मुद्दों पर अपनी स्पष्ट दृष्टि और योजनाएं जनता के सामने रखें।
पंडरिया नगर पालिका
पंडरिया में शहरी विकास और अधूरी परियोजनाएं मुख्य चुनावी मुद्दे हैं। सीधा चुनाव जनता के मूड को स्पष्ट रूप से प्रकट करेगा, और अध्यक्ष बनने वाले उम्मीदवार पर जनता की उम्मीदें अधिक होंगी।
पांच नगर पंचायतों में बढ़ी सरगर्मी
बोडला नगर पंचायत
बोडला में पहले पार्षदों के समर्थन से अध्यक्ष चुना जाता था, लेकिन अब जनता सीधे अध्यक्ष चुनेगी। क्षेत्रीय मुद्दे जैसे पेयजल, विकास और स्वास्थ्य सेवाएं चर्चा के केंद्र में हैं।
पांडातराई नगर पंचायत
पांडातराई में सीधा अध्यक्ष चुनाव उम्मीदवारों को अपनी योजनाओं और व्यक्तिगत काबिलियत पर जोर देने का अवसर देगा। रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के मुद्दे यहां के चुनाव को रोचक बनाएंगे।
सहसपुर-लोहारा नगर पंचायत
यहां के चुनाव में शिक्षा और सफाई जैसे मुद्दे हावी हैं। सीधे अध्यक्ष के चुनाव से यह तय होगा कि जनता किसे अपने नगर का नेतृत्व सौंपना चाहती है।
पिपरिया नगर पंचायत
पिपरिया में शहरी विकास के मुद्दे और जल निकासी की समस्याएं प्रमुख हैं। जनता इस बार अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की कार्यक्षमता पर बारीकी से विचार करेगी।
इंदौरी नगर पंचायत
इंदौरी में सीधा चुनाव स्थानीय विकास के मुद्दों को अधिक महत्व देगा। जनता अपने नगर पंचायत अध्यक्ष से रोजगार और बेहतर सुविधाओं की उम्मीद कर रही है।
सीधा चुनावः जनता और उम्मीदवारों की नई परीक्षा
सीधा अध्यक्ष चुनाव जनता और उम्मीदवार दोनों के लिए नई जिम्मेदारी लेकर आया है। जहां उम्मीदवारों को अब पार्षदों की राजनीति से अलग होकर सीधे जनता को अपनी योजनाओं और नेतृत्व क्षमता का भरोसा दिलाना होगा, वहीं मतदाताओं को भी इस बात पर विचार करना होगा कि उनका चुना हुआ अध्यक्ष न केवल निकाय के विकास में अग्रणी हो, बल्कि जनता के प्रति जवाबदेह भी हो।
क्या सोचती है जनता
इस बदलाव को लेकर जनता में उत्साह है। लोगों का मानना है कि सीधा चुनाव उन्हें बेहतर नेतृत्व चुनने का अवसर देगा। हालांकि, कुछ लोग इस बात पर भी चिंतित हैं कि अध्यक्ष के सीधे चुनाव से स्थानीय पार्षदों और अध्यक्ष के बीच तालमेल की कमी आ सकती है।
राजनीतिक दलों की तैयारियां
सीधे अध्यक्ष चुनाव ने राजनीतिक दलों की तैयारियों को भी प्रभावित किया है। अब पार्टियां अध्यक्ष पद के लिए ऐसे उम्मीदवारों को सामने लाने पर जोर दे रही हैं, जिनकी जनता में सीधी पकड़ हो और जो निकायों के विकास के लिए ठोस योजना प्रस्तुत कर सकें। चुनाव में जल आपूर्ति, स्वच्छता, सड़क निर्माण, रोजगार और शहरी विकास जैसे मुद्दे हावी रहेंगे। जनता चाहती है कि जो भी अध्यक्ष बने, वह इन समस्याओं का ठोस समाधान प्रस्तुत करे।
