कांग्रेस समेत प्रतिपक्ष ने पीएम मोदी से अमित शाह के इस्तीफे की रखी मांग -कुलबीर सिंह छाबड़ा

कांग्रेस समेत प्रतिपक्ष ने पीएम मोदी से अमित शाह के इस्तीफे की रखी मांग -कुलबीर सिंह छाबड़ा
राजनांदगांव खबर योद्धा रमेश निवल बालु ।। स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए शहर जिला अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि पत्रकार गणों साथियों जैसा कि आप सभी को ज्ञात है कि शीतकालिन सत्र के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर के संदर्भ में की गयी टिप्पणियों तथा संसद में भाजपा सांसदों द्वारा काग्रेस अध्यक्ष, विपक्ष के नेता और अन्य विपक्षी सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है जिसको लेकर आज यह प्रेसवार्ता ली जा रही है।
18वीं लोकसभा के शीतकालिन सत्र सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा संविधान और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान के लिए देश के संसदीय इतिहास में दर्ज हो गया है। भाजपा हमेशा से लोकतंत्र और सवैधानिक मूल्यों के प्रति तिरस्कर दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती। इस बार तो हद ही पार कर दी। संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने संसद में सरकार से संविधान पर चर्चा की मांग रखी।
अडानी, मणिपुर, संभल जैसे मामलों पर सदन में बहस की मांग लगातार ठकुराए जाने के बाद प्रतिपक्ष की संविधान पर चर्चा की मांग मान ली गई। इस मौके पर कांग्रेस समेत सभी दालों ने सरकार को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की प्रतिबद्धता याद दिलाई। समता, समानता और न्याय के डॉ अंबेडकर के आदर्शों पर बलने की सलाह भाजपा को कतई रास नहीं आई। सत्तापक्ष ने लगातार विपक्ष को बोलने से रोकने की कोशिश की यहीं नहीं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से डॉ. अम्बेडकर का अपमान कर
संघ और भाजपा की मनुवादी मानसिकता उजागर कर दी। अमित शाह ने कहा कि “अभी एक फैशन हो गया हैं अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबडेकर, अंबेडकर। इतना नाम अग्र भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”
आरक्षण खत्म करने की साजिश
वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आरक्षण खत्म करने की साजिश के तहत भाजपा की सविधान बदलने की कोशिश को 2024 के आम चुनाव में जनता ने नाकाम कर दिया था और बैसाखी सरकार बनाकर लोकतांत्रिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया था. लेकिन भाजया ये खीज अब संविधान निर्माती लेकिन दुख की बात ये है की राजनीति तेज कर दी। बाबा साहेब का अपमान किया गया है. कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमित शाह को सीख देने के बजाय आरोप-प्रत्यारोप
कांग्रेस समेत प्रतिपक्ष ने पीएम मोदी से अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है. लेकिन मोदी सरकार डॉ. अंबेडकर के अपमान को अपराध मानने को तैयार नहीं है, उलटे भाजपा ने संसद की कार्रवाई ठप्प रखी। यही नहीं अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की गई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गिरा दिया गया। भाजपा ने षडयंत्र के तहत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई। भाजपा और उसकी मातृसंस्था हमेशा से डॉ. आंबेडकर और संविधान विरोधी रही है। इन्होंने न सिर्फ संविधान के निर्माण के समय से ही विरोध किया, बल्कि इससे पहले डॉ. आंबेडकर को चुनाव हरवाया था। कांग्रेस डॉ. आंबेडकर के अपमान को लेकर अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर अटल है, जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे, हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। उपरोक्त प्रेस वार्ता में भागवत साहू अध्यक्ष जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी, कुलबीर सिंह छाबड़ा अध्यक्ष शहर जिला कांग्रेस कमेटी, पंकज बांधव, महेन्द्र यादव, सूर्यकांत जैन, अमित चंद्रवंशी, सिद्धार्थ डोंगरे, हनी ग्रेवाल और