थ्रेसर से उड़ रहा भूसा और धूल, ग्रामीणों की अटक रही सांसें
थ्रेसर से उड़ रहा भूसा और धूल, ग्रामीणों की अटक रही सांसें
कवर्धा खबर योद्धा।। जिले के ग्रामीण अंचलों में इन दिनों धान की फसल की मिजाई थ्रेसर के जरिए जोर-शोर से हो रही है। लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान उड़ने वाला भूसा, धूल और कचरा ग्रामीणों के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। थ्रेसर मशीनों से निकलने वाले इन कचरों ने गांव के वातावरण को दूषित कर दिया है, जिससे गली-मोहल्लों और चौक-चौराहों पर धूल का गुबार छा गया है।
गांव के हर कोने में फैल रहा कचरा
थ्रेसर से उड़ने वाला कचरा केवल हवा में ही नहीं, बल्कि घरों के अंदर तक पहुंच रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या उनके दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। धूल और भूसे के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, साथ ही यह बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है।
थ्रेसर संचालन पर उठी नई मांग
गांव के लोग अब मांग कर रहे हैं कि थ्रेसर से धान की मिजाई खेतों में ही की जाए। इससे गांव के भीतर सफाई बनी रहेगी और लोगों को इस समस्या से निजात मिलेगी। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से भी अपील की है कि इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाए और सख्त कदम उठाए जाएं।
प्रदूषण से सेहत पर पड़ रहा असर
विशेषज्ञों का कहना है कि धूल और भूसा से फैलने वाला प्रदूषण न केवल सांस की बीमारियां बढ़ा सकता है, बल्कि लंबे समय तक इसका असर ग्रामीणों की सेहत पर दिखाई देगा। प्रशासन को तुरंत इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए ताकि वातावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सके।
ग्रामीणों की प्रशासन से गुहार
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि थ्रेसर मशीनों का उपयोग गांव के भीतर रोकने के लिए नियम बनाए जाएं। साथ ही, खेतों में ही धान की मिजाई सुनिश्चित की जाए। यदि इस समस्या का समाधान जल्द नहीं निकाला गया, तो ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ सकती है।
समाधान के लिए ठोस कदम जरूरी
कवर्धा जिले के ग्रामीण अंचलों में यह समस्या केवल एक गांव तक सीमित नहीं है। यह समय की मांग है कि प्रशासन इस दिशा में ठोस कार्रवाई करे। गांवों में स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लिए जनजागरूकता और सख्त नियम लागू करना आवश्यक है।