नेताओं और थाना के संरक्षण में कबाड़ की आड़ में सक्रिय लोहे के तस्कर शहर में सौंदर्यीकरण के लिए लगे लोहे के सामान हो रहे चोरी
नेताओं और थाना के संरक्षण में कबाड़ की आड़ में सक्रिय लोहे के तस्कर
शहर में सौंदर्यीकरण के लिए लगे लोहे के सामान हो रहे चोरी
राजनंदगांव खबर योद्धा रमेश निवल बालू।। शहर में अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, और इसमें सबसे बड़ा योगदान कबाड़ के अवैध कारोबार का है। शहर के सभी थाना क्षेत्रों में बिना किसी मापदंड के कबाड़ियों का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। इन कबाड़ियों की आड़ में गाड़ी चोरों का सक्रिय गिरोह काम कर रहा है। इस गिरोह को न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पड़ोसी जिले कवर्धा से भी बड़े रैकेट का संरक्षण प्राप्त है।
नेता थाना संरक्षण में कबाड़ का कारोबार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ऐसा प्रतीत होता है किशहर के अधिकांश थाना क्षेत्रों में कबाड़ियों का अवैध कारोबार नेता पुलिस संरक्षण में चल रहा है। इस कारोबार में कबाड़ियों के साथ-साथ गाड़ी चोर भी सक्रिय हैं, जो चोरी की गाड़ियों को काटकर उनके पुर्जे कबाड़ में बेच देते हैं। इस तरह चोरी की गाड़ियों का कोई सुराग नहीं मिल पाता।
सौंदर्यीकरण के लोहे का हो रहा दुरुपयोग
शहर के सौंदर्यीकरण के लिए जो लोहे के पोल, रेलिंग, और अन्य सामान लगाए गए हैं, उन्हें चोरों द्वारा चोरी कर कबाड़ में बेचा जा रहा है। इस चोरी से शहर का सौंदर्यीकरण कार्य प्रभावित हो रहा है और सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान हो रहा है।
कवर्धा से चल रहा बड़ा रैकेट
सूत्र बताते हैं कि इस अवैध कारोबार के पीछे कवर्धा से संचालित एक बड़े रैकेट का हाथ है। यह रैकेट न केवल राजनंदगांव बल्कि आसपास के जिलों में भी सक्रिय है। इस रैकेट को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने की संभावना भी जताई जा रही है।
गाड़ी चोरी के मामले बढ़े
पिछले कुछ महीनों में शहर में गाड़ी चोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं। पुलिस द्वारा मामले दर्ज तो किए जाते हैं, लेकिन जांच में कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाती। इसका मुख्य कारण यह है कि चोरी की गाड़ियां या तो दूसरे राज्यों में भेज दी जाती हैं या फिर कबाड़ में काटकर बेच दी जाती हैं।
पुलिस की भूमिका संदिग्ध
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस इन मामलों में गंभीरता नहीं दिखा रही है। कई थाना क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों पर कबाड़ियों से सांठगांठ का भी आरोप है। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ पुलिसकर्मी हर महीने कबाड़ियों से अवैध लेनदेन करते हैं, जिससे उनका कारोबार निर्बाध रूप से चलता रहता है।
बिना मापदंड के हो रहा कारोबार
शहर में कबाड़ का कारोबार बिना किसी नियम-कानून के चल रहा है। ज्यादातर कबाड़ी बिना लाइसेंस के काम कर रहे हैं। इन कबाड़ियों के गोदामों की नियमित जांच नहीं होती, जिससे चोरी का माल आसानी से खपाया जा रहा है।
जनता में आक्रोश
शहरवासियों में इस अवैध कारोबार और बढ़ती चोरी की घटनाओं को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही इस पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
कार्रवाई की मांग
शहर के सामाजिक संगठनों ने इस मामले में प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि सभी कबाड़ियों के गोदामों की जांच की जाए, अवैध कारोबार में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाए और पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की जाए।
सरकार कें चुने हुऐ प्रतिनिधि की चुप्पी पर सवाल
इस पूरे मामले में राज्य सरकार के चुने हुए प्रतिनिधियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। जनता का कहना है कि सरकार को इन मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अपराधियों को संदेश मिले कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।
निष्कर्ष
राजनंदगांव में कबाड़ की आड़ में चल रहे गाड़ी चोरी के कारोबार ने शहर की कानून व्यवस्था को चुनौती दी है। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि शहर में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाई जा सके और जनता में विश्वास बहाल हो सके।