विष्णुदेव के सुशासन की तस्वीर , छत्तीसगढ़ पहला राज्य जहाँ 0.8% पंजीयन शुल्क नहीं लगेगा, मुख्यमंत्री जी का आभार – किशुन यदु
विष्णुदेव के सुशासन की तस्वीर , छत्तीसगढ़ पहला राज्य जहाँ 0.8% पंजीयन शुल्क नहीं लगेगा, मुख्यमंत्री जी का आभार – किशुन यदु
दान, बंटवारा व हक त्यागने वाली जमीन की कीमत कितनी भी हो, अब शुल्क लगेगा ₹500 जनता को बड़ी राहत
राजनांदगांव खबर योद्धा।। छत्तीसगढ़ में जमीन दान, बंटवारे या हक त्यागने को लेकर विष्णुदेव सरकार ने बड़ी राहत दी है। आम जनता को यह बड़ी राहत देने पर राजनांदगांव नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने विष्णुदेव सरकार का ह्रदय से आभार जताया है । जारी बयान में किशुन यदु ने कहा कि विष्णुदेव सरकार के सुशासन में भाजपा के जनहित के कार्यों की वजह से देश में छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य बन चुका है जहां इन तीनों के लिए पंजीयन शुल्क सिर्फ 500 रुपए लगेगा। पहले यह शुल्क बाजार मूल्य का 0.8% था यानी अगर दानशुदा संपत्ति की कीमत 1 करोड़ रुपए है तो 80 हजार रुपए पंजीयन शुल्क लगता था। लेकिन, अब संपत्ति की कीमत कितनी भी अधिक हो, पंजीयन शुल्क मात्र 500 लगेगा। स्टांप ड्यूटी दान के लिए 0.5 प्रतिशत, हकत्याग के लिए 0.5 प्रतिशत और बंटवारे के लिए 200 प्रति हिस्सा लगती थी, इसे यथावत रखा गया है। ऐसे में हजारों लोगों को सीधे फायदा होने वाला है, जो अपने प्रियजनों को अचल संपत्ति उपहार करते हैं।
किशुन यदु ने कहा कि पिछले समय कांग्रेस की भूपेश सरकार ने सिर्फ और सिर्फ आम जनता को परेशान करने और लूटने का काम किया था जबकि अब प्रदेश में भाजपा सरकार हर वर्ग के लोगों के लिए ना सिर्फ सोइच रही है बल्कि एक के बाद एक जनहितैषी निर्णय से लोगों का भला भी कर रही है ।
किशुन यदु ने आगे बताया कि प्रदेश में पिछले साल 17,125 लोगों ने पारिवारिक दान, 7000 ने हक त्यागनामा और 850 ने बंटवारानामा करवाया था। इस आदेश के बाद यह संख्या और बढ़ेगी।
किशुन यदु ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी का आभार जताते हुए कहा कि आगे भी इसी तरह के नियनय से आम जनता के हित के कार्य होते रहें ।
किशुन यदु ने जानकारी देते हुए कहा कि दान, हकत्याग और बंटवारे का पंजीयन शुल्क 500 रुपए होने से किसानों को फायदा होगा। राजस्व विवाद के मामले भी घटेंगे। गांवों में परिवार शुल्क की वजह से बंटवारा सरकारी कागजों में नहीं करते थे। संयुक्त परिवार के नाम संपत्ति होने से किसानों को लोन व योजनाओं का लाभ लेने में दिक्कत होती थी लेकिन अब इस जनहितैषी निर्णय से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।