नन्ही पंखों की ऊंची उड़ान कितनी प्यारी बेटी की मुस्कान बचपन के सपने: वैष्णवी बनेगी शिक्षक, वैभवी डॉक्टर बन करेगी मदद

नन्ही पंखों की ऊंची उड़ान कितनी प्यारी बेटी की मुस्कान

बचपन के सपने: वैष्णवी बनेगी शिक्षक, वैभवी डॉक्टर बन करेगी मदद

 

कवर्धा खबर योद्धा ।। बच्चों के माता-पिता ही उनके प्रथम गुरु होते हैं और इसी के साथ ही बच्चों के शिक्षा की शुरुआत भी होती है । आज हम ऐसे दो नन्हे बच्चों से बात किया की वे बड़े होकर क्या बनेंगे तो उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब दिया । 

सपनों की दुनिया में जब बच्चों से उनके भविष्य की बात की जाए, तो उनके मासूम जवाब दिल छू जाते हैं। वैष्णवी मिश्रा (उम्र 11 साल) और उसकी छोटी बहन वैभवी मिश्रा (उम्र 5 साल) के सपने भी कुछ ऐसे ही हैं। ये दोनों बच्चियां पढ़ाई को लेकर हमेशा सक्रिय रहती हैं और अपने जीवन में बड़ा बनने की इच्छा रखती हैं।

जब उनसे बड़े होकर क्या बनने का सपना है, इस बारे में बात की गई, तो वैष्णवी ने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ बताया कि वह एक शिक्षक बनना चाहती है। उसके लिए पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि वह अपने ज्ञान को दूसरों तक पहुंचाना चाहती है। वैष्णवी का मानना है कि शिक्षक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उसने कहा, “मुझे हमेशा से बच्चों को पढ़ाने और उनकी मदद करने का मन करता है। मैं अपने जैसे और बच्चों को पढ़ा-लिखाकर उनके सपनों को पूरा करने में मदद करना चाहती हूं।”

दूसरी तरफ, छोटी सी प्यारी बच्ची वैभवी मिश्रा का सपना कुछ अलग है। पांच साल की नन्हीं वैभवी बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती है। उसकी आंखों में अपने सपने को लेकर एक खास चमक है। वैभवी ने मुस्कुराते हुए बताया, “मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं, ताकि बीमार लोगों का इलाज कर सकूं और उन्हें ठीक कर सकूं।” उसके इस मासूम से जवाब ने सभी का दिल जीत लिया। वह अपनी बातों से ही बता देती है कि उसके मन में दूसरों की मदद करने की कितनी गहरी भावना है।

दोनों बहनों के ये सपने न सिर्फ उनकी सोच को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि वे भविष्य में समाज के लिए कितना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहती हैं। बच्चों के इन मासूम सपनों ने हर किसी को इमोशनल कर दिया।

जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

 
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