February 5, 2025

IAS दिव्या उमेश मिश्रा की कर्मचारी संघों से चर्चा अधिकारियों और संघों के बीच चर्चा की परंपरा की फिर से शुरुआत

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IAS दिव्या उमेश मिश्रा की कर्मचारी संघों से चर्चा

अधिकारियों और संघों के बीच चर्चा की परंपरा की फिर से शुरुआत

रायपुर खबर योद्धा।। विभागीय संचालकों के द्वारा विभागीय कर्मचारी संघों से चर्चा की परंपरा लगभग समाप्त हो चुकी थी। विभागीय अधिकारी और विभागीय कर्मचारी संघ के बीच समन्वय बनाने की परंपरा को छत्तीसगढ़ की IAS संचालक लोक शिक्षण दिव्या मिश्रा ने पुनः प्रारंभ किया है । 

 शिक्षक संगठनों के साथ DPI की ढाई घंटे चली बैठक खत्म हो गयी है। बैठक का मूल एजेंडा पदोन्नति व ग्रेडेशन लिस्ट ही थी, लेकिन शिक्षक संगठनों ने शिक्षकों से जुड़ी तमाम परेशानियों को रखा। आज की बैठक में करीब 15 शिक्षक संगठन मौजूद थे, जिन्होंने प्रमोशन से लेकर क्रमोन्नति, ऑनलाइन अवकाश, अन्य वर्गों की पदोन्नति सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा की। अरसे बाद ये मौका था, जब शिक्षक संगठनों को डीपीआई ने बुलाकर उनसे शिक्षक वर्ग की समस्याओं के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की है। बैठक के प्रारंभ में डीपीआई दिव्या उमेश मिश्रा ने शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और त्रुटिरहित ग्रेडेशन लिस्ट जारी करने के संदर्भ में चर्चा की। बैठक के दौरान शालेय शिक्षक संघ से विरेंद्र दुबे, संयुक्त शिक्षक संघ केदार जैन और गिरिजाशंकर शुक्ला, टीचर्स एसोसिएशन से संजय शर्मा, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन से बसंत कौशिक व ईश्वर चंद्राकर, छत्तीसगढ़ व्याख्याता पदोन्नति समिति से मुकुंद उपाध्याय, छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन से राजेश चटर्जी, छत्तीसगढ़ कांग्रेस से अनिल शुक्ला सहित 15 संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

एक चर्चा में पर्यवेक्षक संघ के पूर्व प्रांतीय प्रवक्ता विद्याभूषण दुबे ने IAS मिश्रा के पहल और कार्यशैली का स्वागत करते हुए बताया कि संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग पद पर पदस्थापन के दौरान IAS दिव्या मिश्रा के द्वारा राज्य कर्मचारी संघ और पर्यवेक्षक संघ के द्वारा दिए गए ज्ञापन पर गंभीरता पूर्वक विचार किया गया था। 1 जुलाई 2019 को राज्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद कई वर्षों से रुके हुए वरिष्ठता सूची का प्रकाशन कराया गया, पदोन्नति का रास्ता उन्हीं के प्रयास से प्रारंभ हुआ और उन्हीं के प्रयास से प्रदेश भर के लगभग 600 से अधिक पर्यवेक्षकों की परिवीक्षा अवधि समाप्त करने की कार्यवाही की गई ।

     यह भी उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग की तात्कालिक संचालक IAS रानू साहू के द्वारा भी वर्ष 2017-18 में स्वास्थ्य विभाग के मान्यता व गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघों से वेतन विसंगति के मामले में चर्चा हुई थी। उनके द्वारा 1 वर्ष में लगभग पांच बैठक ली गई थी उसके बाद विभागीय स्तर पर 23 कैडर के विसंगति दूर करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था । यद्यपि शासन के द्वारा आज तक उसे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

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